केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने एक रैली में कह दिया है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में वो न तो कोई पोस्टर लगवाएंगे, न बैनर. जिसे वोट देना होगा, ऐसे ही दे दे. वरना न दे. साथ ही उन्होंने विश्वास दिलाया कि न वो पैसे खाएंगे, न खाने देंगे.
'पोस्टर-बैनर नहीं लगवाऊंगा, वोट न देना हो तो..', नितिन गडकरी ने ऐसा क्यों कह दिया?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तीन नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने महाराष्ट्र के वाशिम ज़िले में पहुंचे थे. प्रोजेक्ट लॉन्च के दौरान ही उन्होंने ऐसा कहा है.

29 सितंबर को नितिन गडकरी महाराष्ट्र के वाशिम जिले पहुंचे थे. तीन नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 3,695 करोड़ रुपये है. जिसे तीन हिस्सों में बांटा गया है. पहला हाईवे, 48 किलोमीटर का है. अकोला से मेदशी तक. दूसरा मेदशी से वाशिम तक, 45 किमी लंबा है. तीसरा पंगरे से वारंगफातु तक, 42 किलोमीटर का हिस्सा है. हाईवे बन जाने से अकोला, वाशिम, नांदेड़ और हिंगोली ज़िलों की कई ज़रूरी जगहें जुड़ जाएंगी.
इसी प्रोजेक्ट के लॉन्च के दौरान गडकरी ने मराठी भाषा में कह दिया,
मैंने सोच लिया है कि इस लोकसभा में बैनर-पोस्टर नही लगाऊंगा. चाय-पानी भी नहीं कराऊंगा. वोट देना है, तो दो. वरना मत दो. न तो तुम्हें माल-पानी मिलेगा, न लक्ष्मी दर्शन होंगे. देसी-विदेशी (शराब) भी नही मिलेगी. न मैं पैसा खाऊंगा, न खाने ही दूंगा. तुम्हारी सेवा ईमानदारी से करूंगा, ये विश्वास है.
कहा जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट से शेगावचे गजानन महाराज मंदिर, अकोला, शाहनूर किला, अंतरिक्ष जैन मंदिर, 8वें ज्योतिर्लिंग औंध, नागनाथ, संत नामदेव महाराज संस्थान, नरसी और नांदेड़ में टेक सचखंड गुरुद्वारा जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान हो जाएगी. इन जगहों के बीच की आवाजाही भी सुगम हो जाएगी.
ये भी पढ़ें - चुनाव जीतने के लिए नितिन गडकरी ने 'घर-घर बंटवाया था मटन', हारे या जीते?
इससे पहले मंत्री नितिन गडकरी ने बताया था दिसंबर 2023 तक सभी नेशनल हाईवे के गड्ढों को भर दिया जाएगा. इस काम के लिए एक नीति बनाई जा रही है. प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए युवा इंजीनियरों को भी शामिल किया जाएगा.