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कनाडा-भारत तनाव के बीच NIA का बड़ा फैसला, खालिस्तानी टेंशन में आ जाएंगे?

India और Canada के बीच तनाव को बढ़ता देख NIA ने एक जांच के सिलसिले में पहले कनाडा की यात्रा को स्थगित करने का मन बना लिया है.

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NIA ने एक जांच के सिलसिले में पूर्वनिर्धारित कनाडा की यात्रा को स्थगित करने का मन बना लिया है (PTI)

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा (India-Canada) के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. दोनों देशों ने पहले एक-दूसरे के टॉप डिप्लोमैट को निष्कासित करने का फैसला किया. कनाडा ने साथ ही भारत के लोगों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी तक जारी कर दी. तनाव को बढ़ता देख राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक जांच के सिलसिले में पहले से तय कनाडा की यात्रा को स्थगित करने का मन बना लिया है. 

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इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े महेंद्र सिंह मनराल की रिपोर्ट के मुताबिक, NIA ने 19 सितंबर को इस सिलसिले में एक बैठक की. जहां NIA एक जांच के सिलसिले में पहले से तय कनाडा यात्रा को स्थगित करने की योजना बना रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा देश में इंडियन हाई कमीशन पर किए गए हमले की जांच के सिलसिले में NIA अगले महीने कनाडा जाने वाली थी. इस साल मार्च में, खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा में भारतीय उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान उन्होंने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए थे और कथित तौर पर वहां मौजूद भारतीय मूल के पत्रकारों पर हमला किया था.

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रिपोर्ट के मुताबिक, मीटिंग में  NIA अधिकारियों ने खालिस्तानी टाइगर फोर्स (KTF) के डेजिग्नेटेड आतंकवादी अर्शदीप सिंह गिल को प्रत्यर्पित कराने की प्रक्रिया पर भी चर्चा की. इस साल 9 जनवरी को गृह मंत्रालय ने आतंकी गतिविधियों के अलावा हत्या, जबरन वसूली और टारगेट किलिंग जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्तता पाए जाने के बाद अर्शदीप सिंह गिल को एक नामित आतंकवादी घोषित किया था.

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कनाडा में 9 अलगाववादी संगठनों के ठिकाने

वहीं भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि आतंकवादी समूहों का समर्थन करने वाले कम से कम नौ अलगाववादी संगठनों के ठिकाने कनाडा में हैं. उनके मुताबिक, विश्व सिख संगठन (WSO), खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF), सिख फॉर जस्टिस (SFJ) और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) जैसे खालिस्तान समर्थक संगठन पाकिस्तान के इशारे पर कथित तौर पर कनाडा की धरती से स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं. 

साथ ही अधिकारियों ने बताया है कि भारत में कई मामलों में शामिल आतंकियों और अपराधियों को वापस भेजने के अनुरोध पर कनाडाई अधिकारियों की तरफ से कई सालों से कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिसमें पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या सहित कई जघन्य अपराधों में शामिल लोग भी शामिल हैं.

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