हरियाणा में BJP ने अपने नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर दी है. नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) हरियाणा के नए मुख्यमंत्री होंगे. वो मंगलवार, 12 मार्च को शाम पांच बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. आज दोपहर चंडीगढ़ में BJP विधायक दल की बैठक हुई. इसमें नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया (Nayab Singh Saini to be new Haryana Chief Minister).
मनोहर लाल खट्टर की छुट्टी, नायब सिंह सैनी होंगे हरियाणा के नए मुख्यमंत्री, BJP ने क्यों चुना?
Nayab Singh Saini पर BJP ने भरोसा जताया है. आज ही शाम 5 बजे लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, BJP ने इन्हें क्यों सौंपी इतनी बड़ी जिम्मेदारी?

मंगलवार को ही सुबह-सुबह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसे तुरंत ही स्वीकार भी कर लिया गया. खट्टर के साथ उनकी पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दिया था. इसी दौरान खबर ये भी आई कि हरियाणा में BJP और जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठबंधन टूट गया है. कहा जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर हुए मतभेदों की वजह से ये गठबंधन टूटा है.
Nayab Singh Saini ही क्यों?नायब सिंह सैनी का जन्म 25 जनवरी, 1970 को अंबाला जिले के एक छोटे से गांव मिज़ापुर माजरा में हुआ था. वो काफी समय पहले ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे. RSS में रहते हुए ही उनकी मुलाकात मनोहर लाल खट्टर से हुई. बताया जाता है कि खट्टर उनसे काफी प्रभावित हुए. इसके कुछ समय बाद ही सैनी भी BJP में शामिल हो गए.
नायब सिंह सैनी इस समय कुरुक्षेत्र से सांसद हैं. वे 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विधायक भी रहे हैं. 2014 में उन्होंने अंबाला जिले की नारायणगढ़ सीट से विधानसभा चुनाव जीता था. ये चुनाव नायब 24 हजार से ज्यादा वोटों से जीते थे. बाद में वो खट्टर सरकार में मंत्री भी बनाए गए.

मनोहर लाल खट्टर के करीबी नायब सिंह सैनी, अक्टूबर 2023 में ही हरियाणा BJP के नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे. अब 5 महीने बाद ही वो सीएम की कुर्सी तक पहुंच गए हैं. कहा जा रहा है कि BJP ने राजनीतिक समीकरण को ध्यान में रखकर सैनी को ये बड़ी जिम्मेदारी देने का फैसला लिया है. सैनी ओबीसी समुदाय से आते हैं. माना जा रहा है कि BJP ने जाट की बजाय पूरे ओबीसी समुदाय को साधने के लिए नायब सिंह सैनी को आगे बढ़ाया है.
BJP को कौन दे रहा समर्थन?दुष्यंत चौटाला की JJP अब BJP से अलग हो चुकी है. ऐसे में BJP की सरकार कैसे बनेगी? ये सवाल उठ रहा है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में निर्दलीयों की कुल संख्या सात है, जिनमें से छह BJP को समर्थन देने वाले हैं. हरियाणा के निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा ने मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे से पहले कहा था, ‘हमने सीएम खट्टर से मुलाकात की है. हमारे हिसाब से गठबंधन टूट गया है. पहले भी JJP की कोई जरूरत नहीं थी. लोकसभा चुनाव में BJP 10 में से 10 सीटें जीतेगी.’
इस दौरान एक और निर्दलीय विधायक रणधीर सिंह गोलान ने भी कहा, ‘हमें सीएम ने बुलाया था. उन्होंने नए तरीके से समर्थन मांगा है. हमारा समर्थन लेटर गवर्नर को सौंपा जाएगा.’
Haryana विधानसभा का गणितहरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं. इन 90 सीटों में से 41 BJP के पास हैं. वहीं 30 सीटें कांग्रेस, 10 सीटें JJP, 1 इंडियन नेशनल लोकदल, 1 हरियाणा लोकहित पार्टी और 7 निर्दलीय हैं. हरियाणा में बहुमत के लिए 46 विधायक चाहिए. पिछले विधानसभा चुनाव में BJP ने, JJP के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी. इस सरकार में मनोहर लाल खट्टर सीएम और दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बनाए गए थे. लगभग चार साल तक गठबंधन में सरकार चलाने के बाद अब दोनों पार्टियां अलग-अलग हो गई हैं.
ये भी पढ़ें:- मनोहरलाल खट्टर ने इस्तीफे से पहले दुष्यंत चौटाला संग गठबंधन पर क्या कहा?
चलते-चलते आपको ये भी बताते चलें कि हरियाणा में इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं. लोकसभा चुनाव के बाद अक्टूबर-नवंबर में यहां विधानसभा चुनाव हो सकते हैं.
वीडियो: किसानों पर गोली चलवाने के केस में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी, सरकार को लगाई फटकार