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पाकिस्तान ने जिस जवान का शव लेने से इनकार कर दिया था, अब उसी को हीरो बना दिया

Pakistan के सेना प्रमुख Asim Munir ने कैप्टन Karnal Sher Khan को उनकी 26वीं ‘शहादत’ पर श्रद्धांजलि दी. वही, शेर खां जिनके शव को कभी पाकिस्तान ने पहचानने से भी इनकार कर दिया था. क्या था पूरा मामला?

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(सांकेतिक फोटो: आजतक)

1999 का कारगिल युद्ध. पाकिस्तान की तरफ से कैप्टन कर्नल शेर खां बहादुरी से लड़े और शहीद हो गए. जब उनकी बॉडी वापस गई तो उनकी जेब में भारतीय सेना के ब्रिगेडियर M.P.S. बाजवा ने एक पर्ची रखी जिस पर अंग्रेजी में लिखा था, 'कैप्टन कर्नल शेर खां हैज फॉट वेरी ब्रेवली एंड ही शुड बी गिवेन हिज ड्यू.'' यानी कैप्टन शेर खां बहुत बहादुरी से लड़े और उन्हें इसका श्रेय मिलना चाहिए. 

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ऐसा बहुत कम होता है कि कोई देश अपने दुश्मन देश के जवान की बहादुरी की दाद दे और कहे कि इस सैनिक की वीरता का सम्मान किया जाना चाहिए. भारत का दिल बहुत बड़ा है ये उसने साबित कर दिया. लेकिन, पाकिस्तान कभी अपने सैनिकों का सम्मान करना नहीं सीख पाया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब टाइगर हिल पर मिले कर्नल शेर खां के शव को उनके देश भेजने के लिए पाकिस्तान से संपर्क किया गया, तो पाकिस्तान ने उनके शव को लेने से इनकार कर दिया. 

ये तो रहा कहानी का बैकग्राउंड. अब खबर पर आते हैं. शनिवार, 5 जुलाई को पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने कैप्टन कर्नल शेर खां को उनकी 26वीं ‘शहादत’ पर श्रद्धांजलि दी. वही, शेर खां जिनके शव को कभी पाकिस्तान ने पहचानने से भी इनकार कर दिया था.

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Karnal Sher Khan
कैप्टन शेर खां (फोटो: विकिपीडिया)

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने 15 जुलाई 1999 को एक प्रेस रिलीज जारी की थी. जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना के जवानों की संलिप्तता मानने से साफ इनकार कर दिया था. आगे कहा गया कि कर्नल शेर खां के पास पत्र मिले थे, जिनसे भारत ने उनके पाकिस्तानी सैनिक होने की पुष्टि की थी. लेकिन पाकिस्तान ने इसे भी मानने से इनकार कर दिया था. दूतावास ने अपने बयान में कहा था, 

यह साफ है कि पाकिस्तान को इन शवों के बारे में पूरी जानकारी है. लेकिन वे इस बात को कुबूल नहीं करना चाहते, क्योंकि इससे कारगिल में उनकी सेना की संलिप्तता पता चल जाएगी. 

भारत ने 12 जुलाई को पाकिस्तान से संपर्क कर कहा था कि वे शव को पाकिस्तानी सेना को सौंपना चाहते हैं. इसके बाद, रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (ICRC) ने 13 जुलाई को भारत से संपर्क किया. ICRC ने बताया कि पाकिस्तान सरकार ने उनसे अपील की है कि वे कैप्टन कर्नल शेर खां के शव सौंपने के लिए भारत से संपर्क करें. 

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दूतावास ने प्रेस रिलीज में बताया कि पाकिस्तान ने उन सैनिकों के नाम और पहचान के बारे में कुछ नहीं बताया, जबकि उनके पास सूचना उपलब्ध थी. इसकी वजह स्पष्ट है. पाकिस्तानी अधिकारियों को यह पता था कि अगर वे कैप्टन कर्नल शेर खां की पहचान बता देंगे, तो दुनिया को पता चल जाएगा कि पाकिस्तानी सेना कारगिल में शामिल थी.

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