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41 साल बाद यूरेनस ग्रह के चारों तरफ घूमती दिखी अंजान चीज, बड़ी खोज हुई है

NASA Moon Orbiting Uranus: नासा ने बताया कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने यूरेनस का 29वां उपग्रह खोजा है. इसे अस्थायी रूप से S/2025 U1 के रूप में जाना जाएगा. अस्थायी क्यों, ये भी जानिए.

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अस्थायी रूप से इस चांद को S/2025 U1 नाम दिया गया है. (फोटो- NASA)

यूरेनस के चारों तरफ घूम रहे एक अंजान पिंड का पता चला है. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ये यूरेनस की परिक्रमा कर रहा एक और चंद्रमा है जिसे पहली बार खोजा गया है. इससे यूरेनस के उपग्रहों की कुल संख्या 29 हो गई है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने 1986 में अपना एक अंतरिक्ष यान यूरेनस ग्रह पर खोज के लिए भेजा था. लेकिन तब उसके वैज्ञानिकों को इसकी झलक भी नहीं दिखी थी. सवाल उठता है कि क्या उस समय के वैज्ञानिक इसे देख पाने या पहचान पाने में चूक गए, या किसी वजह से अंतरिक्ष यान इसकी कोई तस्वीर नहीं ले पाया?

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यूरेनस, हमारे सौर मंडल में मौजूद 7 ग्रहों में से एक है. ये विशालकाय बर्फीला ग्रह, हल्के नीले रंग का होता है, जो अनोखे तरह से घूमने के लिए जाना जाता है. नासा ने मंगलवार, 19 अगस्त को बताया कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने यूरेनस का 29वां उपग्रह खोजा है. इसे अस्थायी रूप से S/2025 U1 के रूप में जाना जाएगा.

अस्थायी इसलिए, क्योंकि नए खोजे गए चांद के नाम के लिए अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) की मंजूरी जरूरी होगी. ये संस्था खगोलीय पिंडों को आधिकारिक नाम और पदनाम देने के लिए है. S/2025 U1 ऐसा 14वां चांद है, जो यूरेनस ग्रह की परिक्रमा कर रहा है. साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (SWRI) के नेतृत्व में एक टीम ने नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से ये चांद खोजा है.

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वैज्ञानिकों ने नए चंद्रमा S/2025 U1 की खोज की है.

वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक, ये चांद करीब 10 किलोमीटर चौड़ा है और यूरेनस ग्रह के केंद्र से लगभग 56,000 किलोमीटर दूर मौजूद है. ये नया चांद, यूरेनस ग्रह के किसी भी अन्य ज्ञात चांद की तुलना में छोटा और धुंधला है. शायद यही कारण है कि पिछले दूरबीनों या अंतरिक्ष यान द्वारा किए गए अवलोकनों में ये नजर नहीं आया.

यूरेनस के वर्तमान 29 चांदों में से कई की खोज 1986 में नासा के ‘वॉयजर 2’ अंतरिक्ष यान के उड़ान भरने के दौरान हुई थी. लेकिन यूरेनस में 13 संकरे रिंग्स भी हैं. कुछ खगोलविदों का मानना है कि ये रिंग दोनों ओर अज्ञात ‘शेफर्ड’ चांदों की मौजूदगी के कारण बने हैं. जिनका गुरुत्वाकर्षण पदार्थ को बाहर की ओर फैलने से रोकता है.

हमारे सौरमंडल के सभी चार सबसे बड़े ग्रहों में अलग-अलग आकार के चांदों की संख्या बहुत है. ये चारों ग्रह हैं- जूपिटर, सैटरस, यूरेनस और नेप्च्यून. न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक, हाल के सालों में वैज्ञानिकों ने इन ग्रहों की परिक्रमा करने वाले कई पिंडों की खोज की है, जिन्हें चांद माना जाता है. बताया जाता है कि वेब टेलीस्कोप से भविष्य में यूरेनस के और भी चांद मिल सकते हैं. लेकिन वो संभवतः नए चांद S/2025 U1 से भी छोटे होंगे.

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