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Nandigram Co-operative Election: 52 में से 51 सीटें TMC जीती, एक बची वो भी BJP को नहीं मिली

पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में BJP के शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम से ही ममता बनर्जी को हराया था.

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(बाएं-दाएं) ममता बनर्जी और सुवेंदु अधिकारी. (फोटो- इंडिया टुडे)

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के नंदीग्राम में हुए सहकारिता चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हार का सामना करना पड़ा है. पार्टी को एक भी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई है. 52 सीटों में से 51 पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) की जीत हुई है. बाकी बची एक सीट भी लेफ्ट के पास चली गई. यानी नंदीग्राम सहकारिता चुनाव (Nandigram Co-operative Election) में BJP खाता तक नहीं खोल सकी.

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Nandigram Election में BJP की हार

BJP के लिए नंदीग्राम की ये हार बड़ी शर्मिंदगी का सबब बन सकती है. वजह ये कि ये इलाका BJP विधायक और बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) का गढ़ माना जाता है. यहां उनकी सियासी पकड़ बहुत ज्यादा मजबूत है. गौरतलब है कि पिछले साल हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election 2021) में शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम से ही TMC प्रमुख और सीएम ममता बनर्जी को मात दी थी. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि इस चुनाव में भी भाजपा को बड़ी जीत हासिल होगी. 

बता दें कि रविवार, 21 अगस्त को नंदीग्राम के हनुभुंजा, गोलपुकर और बिरुलिया में सहकारिता चुनाव को लेकर वोटिंग हुई थी. इसके बाद सोमवार, 22 अगस्त की सुबह परिणाम आए. इंडिया टुडे से जुड़े रितिक मंडल की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव परिणाम आने के बाद BJP के एक स्थानीय नेता अरुण जाना ने पत्रकारों से बातचीत में कहा,

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"ये एक को-ऑपरेटिव इलेक्शन था. BJP सोसायटी के सदस्यों से अच्छे से संवाद नहीं कर सकी."

TMC को मिली जीत

वहीं TMC के लिए नंदीग्राम की ये जीत कुछ राहत लेकर आ सकती है. विधानसभा चुनाव में पार्टी की मुखिया ममता बनर्जी की यहां हार हुई थी. शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें लगभग 2000 वोटों से मात दी थी. वो 2020 में TMC छोड़कर पार्टी के कई नेताओं के साथ BJP में शामिल हुए थे. हालांकि पूरे विधानसभा चुनाव पर तो इसका असर नहीं पड़ा, लेकिन नंदीग्राम में सुवेंदु ने ममता को हराकर TMC को जोरदार झटका दिया था. 

सहकारिता चुनाव में भी शुभेंदु सक्रिय थे और BJP के लिए जमकर प्रचार कर रहे थे. विधानसभा चुनाव की उनकी जीत और जबरदस्त प्रचार अभियान से लग रहा था कि इस चुनाव में भी TMC को बड़ा झटका लग सकता है. लेकिन परिणामों ने अलग ही तस्वीर दिखाई. 

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