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'डियर जिंदगी' के वो तीन सीन जो फिल्म से हटा लिए गए थे

यहां देखिए तीनों के वीडियो.

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फोटो - thelallantop
पिछले साल नवंबर में डायरेक्टर गौरी शिंदे की फिल्म 'डियर जिंदगी' आई थी. शाहरुख खान ने इसमें एक साइकैट्रिस्ट और आलिया भट्ट ने एक सिनेमैटोग्राफर का रोल किया था. प्यार, लिव-इन, टू टाइमिंग, कनफ्यूजन, करियर जैसी चीजों पर इसमें बात हुई. खासकर मेंटल हेल्थ जैसे आज के महत्वपूर्ण मसले पर जिसे आज टैबू बना दिया गया है. फिल्म के कंटेंट और ट्रीटमेंट की काफी तारीफ हुई थी. हमने अपने रिव्यूज़ में तफसील से 'डियर जिंदगी' पर बात की थी. Read: फिल्म रिव्यू: डिअर जिंदगी अपने वक्त से बहुत आगे की फिल्म है 'डियर जिंदगी' प्रोड्यूसर शाहरुख खान की इस फिल्म के अब तीन डिलीटेड सीन भी आए हैं. जिन्होंने फिल्म देखी है वे और जिन्होंने नहीं देखी है वे भी इन्हें देखें.

#सीन 1

https://www.youtube.com/watch?v=A_yLc5omT1w पांच मिनट लंबे इस सीन में शाहरुख का पात्र डॉ. जहांगीर आलिया के किरदार को एक कहानी सुना रहा है. कहानी ब्राजील की डौना मारिया की. सन 1700 की. डौना तब 17 साल की थी. शादी हो जाने के डर से वो भागकर इंडिया आई थी. एक शिप में छुपकर. वो गोवा पहुंची. 14 साल के लिए आदमी के भेष धरकर जिंदा रही. आर्मी में भर्ती हो गई. युद्ध लड़े. अपना नाम रखा - बॉल्तेजार. बहुत ही कुशल योद्धा थी. लेकिन समाज एेसा था कि उसे अपनी लड़की होने की बात छुपाए रखनी पड़ी. फिर एक लड़ाई में डौना बुरी तरह ज़ख्मी हो गई. यहां आते हैं कैप्टन अल्फांसो. अल्फांसो ने डौना का इलाज किया. जब डौना को होश आया तो उसने डर-डर के सच बोला. 14 साल का वो दबा हुआ सच जब बाहर आया तो डौना को अपने अस्तित्व का एहसास हुआ. और अब वो बॉल्तेजार बनकर नहीं डौना बनकर युद्ध में लड़ने लगी. अल्फांसो डौना की ये हिम्मत देखकर उसे चाहने लगा. इस लंबी स्टोरी की डिकोडिंग डॉ. जहांगीर ऐसे करता हैः
"हर आदमी को अपनी खोज खुद करनी होती है. अपने बनाए हुए भूतों को भगाने के बाद ही हम अपने आपको जानना शुरू कर सकते हैं. हम खुलकर जीना शुरू कर सकते हैं. बाय बाय भूत्स एंड हाय जिंदगी!" 

#सीन 2

https://www.youtube.com/watch?v=Gkoxn6Nyijk इस सीन में आलिया की कैरेक्टर कायरा इंडिया आ रही फ्लाइट में चढ़ती है. उसकी सीट पर एक अंकलजी बैठे होते हैं. बगल में उनका बेटा. कायरा उनसे सीट देने को कहती है तो अंकल कहते हैं, 'तुम वहां मेरी सीट पर बैठ जाओ, मुझे यहां अपने बेटे से बात करनी है.' कायरा जाती है तो देखती है कि उस सीट के दोनों तरफ पुरुष बैठे होते हैं. वो अंकल से कहती है कि उसे उसकी सीट ही दे दो और अपनी पर बैठ जाओ. अंकल खौरिया जाते हैं. सुनाने लगते हैं, 'आजकल के बच्चे बड़ों की इज्जत नहीं करते.' कुछ सुनकर कायरा जवाब देती हैः
सबसे पहले तो मैं आपको बता दूं कि ये आजकल की यंग बच्ची ने बहुत एडवांस में ही अपनी पसंद की सीट बुक कर ली थी ताकि मुझे या किसी और को दिक्कत न हो. लेकिन आपने और आपके इस यंग बेटे ने ये सब पहले से नहीं सोचा. और अब आप मुझे यहां से वहां घुमाना चाहते हैं जैसे कि ये आपका हक हो! ऊपर से आप ये एक्सपेक्ट करते हैं कि मैं आपके ऑर्डर्स मान लूं और दो आदमियों के बीच में अनकंफर्टेबली बैठूं. क्यों? क्योंकि आप बुजुर्ग हो! आपको नहीं लगता कि इज्जत मिलना सबका हक है. और कभी-कभी एल्डर लोगों को यंग लोगों की रिस्पेक्ट करनी चाहिए, सर !

#सीन 3

https://www.youtube.com/watch?v=uAWmL8GxPk4 इसमें कायरा एक लड़के के साथ डेट पर जाती है और उसका एक्सपीरियंस बहुत बोरिंग हो जाता है. नन्हा सा सीन है.
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