ईरान में आदमी हिजाब के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं.
ईरान के आदमियों नें एक जंग छेड़ी है. जंग भी हिजाब के खिलाफ. सुनने में थोड़ा अलग सा लग रहा है. हर बार औरतें चिल्लाती हैं. ये आजादी चाहिए. वो आज़ादी चाहिए. पर इस बार की आज़ादी में आदमी उनके साथ हैं. ईरान में एक लॉ है. यह लॉ औरतों को हिजाब पहनने पर मजबूर करता है. औरतों को इस हिजाब से आजाद कराने को आदमी खुद ही सोशल मीडिया पर उतर आए हैं. खुद देख लो. सब लोग कित्ते क्यूट लग रहे हैं.

स्कार्फ़ बांध कर ये आदमी अपनी फोटोज सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं. इस लॉ के खिलाफ उनका कैंपेन #MenInHijab के नाम से चल रहा है.

ईरान में हमेशा से ऐसा नहीं था. 1983 के बाद से यहां के रूल्स बहुत सख्त हो गए थे. औरतों को आदमियों की गंदी नजरों से बचाने के उपाय के तौर पर यह रूल लागू किया गया. इसके पीछे यह मानसिकता भी रही कि हिजाब पहनने से औरतें पब्लिक स्पेस में शालीनता से रहेंगी.

ईरान में 1979 में हुए इस्लामिक रिवोल्यूशन के बाद से औरतों के लिए हिजाब कंपलसरी हुआ. इसे लागू कराने के लिए ‘नैतिकता पुलिस’ है. देश में कोई औरत हिजाब नहीं पहनती या उसके सिर के बाल नजर आते हैं तो उसे जुर्माने से लेकर जेल तक हो सकती है. 2014 में एक ईरानियन जर्नलिस्ट मसीह अलीनेजाद ने ऑनलाइन एक कैंपेन My Stealthy Freedom चलाया. अलीनेजाद ईरान में एक फेसबुक पेज 'माई स्टेल्थी फ़्रीडम' या 'मेरी गुप्त आज़ादी' चलाती हैं. इस पेज से दस लाख से ज़्यादा लोग जुड़े हैं.



#MenInHijab मसीह अलीनेजाद की मुहिम का ही एक हिस्सा है. जो औरतों के हकों लिए आवाज़ उठाता है. आदमी खुल्लमखुला हिजाब पहन कर इस लड़ाई का हिस्सा बन रहें हैं.
ये खबर द लल्लनटॉप टीम से जुड़ी ज्योति यादव ने लिखी है.