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MBA किया, स्विट्जरलैंड में ट्रेनिंग ली, लाखों की सैलरी उठाई, अब रैन बसेरे में रह रहे, पता है क्यों?

अभिषेक की कहानी कईयों के लिए सीख बन सकती है. उन्होंने MBA के बाद विदेश में ट्रेनिंग की. जॉब भी करते थे. लेकिन अब सब छूट गया, परिवार ने भी सपोर्ट करना बंद कर दिया. आखिर ये सब हुआ क्यों?

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अभिषेक नोएडा के एक रैन बसेरे में रहते हैं | फोटो: दी लल्लनटॉप

दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. ऐसे में जिनके पास घर नहीं हैं, उन्हें बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. सरकार ऐसे गरीब और बेघर लोगों के लिए रैन बसेरे (Shelter home) की व्यवस्था करती है. उत्तर प्रदेश के नोएडा (UP Noida) के ऐसे ही एक रैन बसेरे की हालत जानने दी लल्लनटॉप के पत्रकार दिपेंद्र गांधी और हरि कार्की वहां पहुंचे. यहां उन्हें एक ऐसा व्यक्ति मिला जिसने MBA पास किया है, स्विट्जरलैंड में ट्रेनिंग की है और इसके बाद लाखों की नौकरी भी. लेकिन अब रैन बसेरे में रह रहे हैं.  

Shelter home में क्यों रह रहे?

रैन बसेरे में रह रहे इस व्यक्ति का नाम अभिषेक है. आर्थिक तंगी और पारिवारिक हालातों के कारण वो रैन बसेरे में रहने को मजबूर है. उसने बताया कि नशे की आदत ने उसे यहां तक पहुंचा दिया है. उसने रोते हुए कहा,

“इतना पढ़ा-लिखा, इतनी मेहनत की. लेकिन एक शराब के चक्कर में मेरी जिंदगी खराब हो गई.”

अभिषेक 15 दिसंबर 2023 से नोएडा के रैन बसेरे में रह रहे हैं. उन्होंने मार्केटिंग में MBA किया है और इंडिया मार्ट से लेकर ल्यूमिनश जैसी बड़ी कंपनियों में काम किया है. फिलहाल उनकी हालत ऐसी है कि उन्हें दिहाड़ी मजदूरी का काम करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि वो दिन में 500 रुपए तक कमा लेते हैं. अभिषेक ने कहा,

"मैंने स्विट्जरलैंड और तुर्की में ट्रेनिंग की है. जॉब भी करता था. लेकिन फिर नशे की आदत पड़ गई. जिसके बाद नौकरी भी छूट गई और परिवार ने भी सपोर्ट करना छोड़ दिया."

उन्होंने आगे कहा कि अब ऐसी कंडीशन नहीं है कि वो कोई ढंग की नौकरी कर सकें. इस कारण से उन्हें यहां रहना पड़ रहा है. अभिषेक बताते हैं,

"पीने-वीने के चक्कर में शादी भी नहीं हुई है. और परिवार वालों से भी बात नहीं होती. 500 रुपए कमाता हूं. उसमें से ढ़ाई से तीन सौ रूपए तो पीने (शराब) में ही निकल जाते हैं. बाकी का खाना-वाना खा लेते हैं."

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सर्दी के बाद कहां रहते हैं?

अभिषेक ने कहा कि ठंड में रैन बसेरे लगते हैं. होली तक यहीं रहता हूं. इसके बाद कभी कमरा ले लेता हूं. लेकिन जब पैसे खत्म हो जाते हैं तो कमरा छूट जाता है. उनके पास अच्छे कपड़े और मोबाइल भी नहीं है. रोज काम भी नहीं मिलता है. ऐसा ढाई सालों से चल रहा है.

उन्होंने अपने परिवार के लिए कहा,

"मैं सुधरना चाहता हूं. पीने की आदत भी छोड़ना चाहता हूं. पता नहीं मेरा परिवार मुझे माफ करेगा या नहीं और मुझे वापस बुलाएगा या नहीं."

अभिषेक ने इस दौरान ये भी बताया कि उसके काफी अच्छे दोस्त भी हैं. लेकिन ऐसा कोई बचा नहीं है जिससे उन्होंने उधार नहीं लिया हो. सबने उनकी मदद की है. उन्होंने कहा कि सबकी मदद करने की एक लिमिट होती है. शराब की आदत की वजह से सबने साथ छोड़ दिया.

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वीडियो: उत्तर प्रदेश के रैन बसेरे में क्यों रहने के लिए मजबूर हुआ MBA पास शख्स?