सुशांत सिंह राजपूत के जाने के बाद से सोशल मीडिया पर लोग कई तरह की बातें कर रहे हैं. हालांकि पहले भी होती रही हैं लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जिनके बारे में अब खुलकर बात हो रही हैं. दरअसल, एक ट्विटर यूजर ने सुशांत के बारे में लिखे गए कई 'भद्दे' आर्टिकल्स को पोस्ट किया है, जो है तो उनके बारे में, पर उनका नाम नहीं लिखा गया है. और ऐसे आर्टिकल लिखने वाला बड़ा नाम है. जाने माने फिल्म क्रिटिक राजीव मसंद.
क्या था क्रिटिक राजीव मसंद के सुशांत के खिलाफ लिखे आर्टिकल्स में, जिससे मनोज बाजपेयी भड़क उठे?
एक नहीं कई आर्टिकल्स हैं, जिन्हें ब्लाइंड आइटम्स कहा जाता है.

राजीव के लिखे कई 'ब्लाइंड आइटम्स' के स्क्रीनशॉट ट्विटर पर तैर रहे हैं. ब्लाइंड आइटम्स यानी ऐसे आर्टिकल्स जिसमें किसी का नाम लिए बगैर उसके बारे में लिखा गया हो. जो कि अक्सर बुरा ही होता है. राजीव के वायरल आर्टिकल्स में इशारों में सुशांत सिंह राजपूत को काफी भला-बुरा कहा गया है. ज़ाहिर है बिना नाम लिए. खैर. शुरू से शुरू करते हैं. हुआ यूं कि ट्विटर पर एक माया नाम की यूज़र हैं. इनके 28 हज़ार से भी ज्यादा फॉलोवर्स हैं. इन्होंने तगड़ी रिसर्च कर 20 जून को कुछ ट्वीट्स किए थे. उनके ट्वीट करने के बाद से ही वेब सीरीज़ 'अलीगढ़' के स्क्रीन राइटर अपूर्व असरानी और एक्टर मनोज बाजपेयी समर्थन में उतर आए. पहले ट्वीट में क्या है, वो जानिए.
माया ने ट्वीट किया और लिखा -'
एक आदमी जो चुपचाप पूरी जांच पड़ताल से साफ़ बच गया. जिसने कभी स्पष्ट नहीं किया कि उसने सुशांत सिंह राजपूत के साथ जो किया वो आखिर क्यों किया. वो आदमी सिर्फ और सिर्फ राजीव मसंद है. ये उन चुनिंदा लोगों में से एक है, जिसने बिना किसी आधार के सुशांत के बारे में घटिया बातें लिखीं. सुशांत सिंह राजपूत को स्कर्ट चेज़र (स्कर्ट का पीछा करने वाला, यानी आसान भाषा में लड़कियां फांसने वाला) जैसे नामों तक से बुलाया. मैं नीचे कुछ स्क्रीनशॉट पोस्ट करूंगी.

इस आर्टिकल में लिखा है कि वह (यानी सुशांत) खुद को बहुत शांत दिखाता था, पर उसके यूनिट के लोगों का कहना था कि वो बहुत ज्यादा इनसिक्योर था. वह अपने डायरेक्टर को भी परेशान करता था. क्रू का उसकी फीमेल को-स्टार को पैम्पर करना, (सुशांत) को अच्छा नहीं लगता था. किसी ने तो ये भी कहा था कि एक्ट्रेस की मां ने (सुशांत) पर नज़र भी रखी हुई थी, क्योंकि उसकी जो रेप्यूटेशन थी, वो 'स्कर्ट चेज़र' की बनी हुई थी. एक और ट्वीट में माया लिखती हैं-
राजीव ने मीटू स्टोरी और 'दिल बेचारा' के बारे में एक और ब्लाइंड आइटम पोस्ट किया. मीटू की कहानी तो कभी सामने नहीं आई. पर कोई ये जताना चाहता था कि उसकी वजह से फिल्म कभी रिलीज नहीं होगी. पर कमेंट्स में देखिए, फैन्स ने क्या कहा है.
इन्हीं ट्वीट्स पर राइटर-एडिटर अपूर्व असरानी ने लिखा-
मेरे जैसे कई लोगों को पिंकविला, स्पॉट बॉय और राजीव मसंद की हरकतों का खामियाज़ा भुगतना पड़ा. लेकिन मैं खराब रिव्यू और बदनामी के डर से मैं चुप रहा. इस तरह की ज़हरीली पत्रकारिता को सामने लाना है और इस तरह के 'ब्लाइंड आइटम्स' को खत्म करना है.
केआरके जैसे सॉफ्ट टारगेट पर हमला करना, जबकि ब्लाइंड आइटम्स एक्सपर्ट्स पर चुप्पी रखना, सरासर पाखंड है. केआरके घटिया है, लेकिन उसमें इतनी हिम्मत तो है कि वो ओपिनियन अपने नाम से लिखता है. सुशांत सिंह राजपूत के लिए लिखे राजीव मसंद के ब्लाइंड आइटम्स शातिर और कायराना हैं. सिलेक्टिव न बनें.
केआरके को लेकर मनोज बाजपेयी, हंसल मेहता आदि लोगों ने मोर्चा खोल रखा है. इस लिए इस ट्वीट पर मनोज बाजपेयी ने लिखा,
मासूम प्रतिभाओं को बदनाम करने वाले पत्रकारों को सिर्फ सिलेक्टिव तरीके से एक्सपोज़ करना पाखंड है. मैं राजीव मसंद के ब्लाइंड आइटम्स पढ़कर बहुत दुखी हूं और तुम्हारा सपोर्ट करता हूं. लेकिन केआरके जैसे ज़हरीले लोगों को रोकने की कोशिश करना भी ज़रूरी है. आओ (इसके खिलाफ) एक साथ खड़े हों.
इस पर अपूर्व ने रिप्लाई किया. लिखा-
मैं आपसे सहमत हूं. शायद केआरके को सॉफ्ट टारगेट कहना सही नहीं था. वो बंदा बहुत ज्यादा भ्रष्ट है. और उसे रोकना चाहिए. सेलेक्टिव न होने के लिए आपका शुक्रिया. ये इस लड़ाई को और वास्तविक बनाता है. हमेशा की तरह आपको सम्मान.
और हंसल मेहता के बारे में भी ट्वीट किया था. जिसके बाद से ये ट्विटर वॉर शुरू है.
वीडियो देखें : KRK ने हंसल मेहता और मनोज़ बाजपेयी का नाम लेकर क्या ट्वीट किया?