मनीष कश्यप. बिहार का विवादित यूट्यूबर. कश्यप को 8 अगस्त के दिन पटना सिविल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मनीष कश्यप को अब तमिलनाडु जेल नहीं जाना होगा. वो बिहार की जेल में ही रहेगा.
फेक न्यूज बनाने वाला मनीष कश्यप अब बिहार की जेल में ही रहेगा, पटना कोर्ट का फैसला
बिहार के मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो बनाया था.

दरअसल, 8 अगस्त को मनीष कश्यप को पटना के सिविल कोर्ट में पेश किया गया. कश्यप के खिलाफ इकनॉमिक ऑफेंस यूनिट (EOU) ने चार मामले दर्ज किए हैं. इनमें से दो मामलों में पटना सिविल कोर्ट में सुनवाई हुई. पहला मामला तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो वायरल करने से जुड़ा है. वहीं, दूसरा मामला महात्मा गांधी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्द बोलने से जुड़े एक वायरल वीडियो का है.
पटना सिविल कोर्ट ने इन दोनों मामलों में सुनवाई करते हुए ये फैसला किया कि कश्यप अब बिहार की जेल में ही रहेगा. ये जानकारी मनीष कश्यप के वकील शिवनंदन भारती ने मीडिया को दी. भारती ने आजतक से बात करते हुए बताया,
“कोर्ट ने कहा कि मनीष कश्यप के खिलाफ कई मामले पटना और बेतिया में लंबित पड़े हैं. तमिलनाडु में मनीष कश्यप के खिलाफ कुल 6 मामले दर्ज हुए थे. जिनमें पहले ही उन्हें डिफॉल्ट बेल मिल चुकी है. अब ऐसे में पटना कोर्ट ने फैसला किया है कि तमिलनाडु से जुड़े मामलों में मनीष कश्यप वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़ेंगे.”
वकील ने आगे बताया कि मनीष कश्यप कभी पटना के बेउर जेल और कभी बेतिया जेल में रहेंगे. उन्होंने कहा कि मनीष को तमिलनाडु में खाने पीने को लेकर थोड़ी दिक्कतें आ रही थी. वहां का खान-पान अलग है और बिहार का खान-पान अलग है. वहां पर नारियल के तेल से बना हुआ खाना खाना पड़ रहा था. इस कारण मनीष को काफी परेशानी हो रही थी. इस वजह से भी कोर्ट ने ये फैसला लिया है.
मनीष तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो बनाया था. इस आरोप के लिए उसके खिलाफ बिहार पुलिस और तमिलनाडु पुलिस ने केस दर्ज हुआ. कई दिन फरार रहने के बाद उसने 18 मार्च 2023 को सरेंडर कर दिया था. पहले बिहार पुलिस ने पूछताछ की. फिर तमिलनाडु पुलिस ने मनीष की कस्टडी ले ली. 3 अप्रैल को मदुरै की कोर्ट ने मनीष को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. तमिलनाडु पुलिस ने बाद में उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत भी मामला दर्ज किया था.
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