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'मोदी से ठेके लेने वालों के सौदे पकड़ जाएंगे?' इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर खड़गे ने बहुत बड़ा आरोप लगा दिया

Mallikarjun Kharge ने आरोप लगाया है कि Modi सरकार Electoral Bond से जुड़ी जानकारियों में देरी कराने के लिए SBI का इस्तेमाल कर रही है. PM का नाम लेकर और क्या बड़े आरोप उन्होंने लगाए हैं?

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कांग्रेस अध्यक्ष ने PM मोदी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे/PTI)

इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार नहीं चाहती कि आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के पहले इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारियां लोगों के सामने आएं.

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उन्होंने कहा,

"मोदी सरकार इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए अपने संदिग्ध लेनदेन को छिपाने के लिए हमारे देश के सबसे बड़े बैंक को ढाल के रूप में उपयोग कर रही है."

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खड़गे ने सोशल मीडिया X (ट्विटर) पर इस बारे में एक लंबा पोस्ट किया है. लिखा है,

"सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को 'असंवैधानिक', ‘RTI का उल्लंघन’ और ‘अवैध’ करार देते हुए रद्द कर दिया था और SBI को 6 मार्च तक दान देने वालों की जानकारी साझा करने को कहा था."

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कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा,

“BJP चाहती है कि इसे लोकसभा चुनाव के बाद साझा किया जाए. इस लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म होगा और SBI ने 30 जून तक का समय मांगा है.”

मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे लिखा,

"भाजपा को इस फर्जी योजना से सबसे ज्यादा लाभ हुआ है."

उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,

“क्या मोदी सरकार भाजपा के संदिग्ध सौदों को आसानी से नहीं छिपा रही है? जिन सौदों में इन अपारदर्शी इलेक्टोरल बॉन्ड्स के बदले राजमार्गों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, पावर प्लांट्स आदि के कॉन्ट्रैक्ट्स PM मोदी के करीबियों को सौंप दिए गए थे.”

SBI को क्यों चाहिए 4 महीना?

खड़गे ने SBI की मांग पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने लिखा,

“एक्सपर्ट्स बताते हैं कि दान देने वालों की 44,434 स्वचालित डेटा एंट्री का मिलान केवल 24 घंटों में किया जा सकता है. फिर इस जानकारी को इकट्ठा करने के लिए SBI को 4 महीने का समय क्यों चाहिए?”

Electoral Bond पर Congress का पक्ष क्या था?

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा,

"कांग्रेस पार्टी स्पष्ट थी कि इलेक्टोरल बॉन्ड अपारदर्शी, अलोकतांत्रिक और समान अवसर को नष्ट करने वाली व्यवस्था थी. लेकिन मोदी सरकार, PMO और FM ने BJP का खजाना भरने के लिए हर संस्थान- RBI, चुनाव आयोग, संसद और विपक्ष पर बुलडोजर चला दिया. अब हताश मोदी सरकार, तिनके का सहारा लेकर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को विफल करने के लिए SBI का उपयोग करने की कोशिश कर रही है!"

इससे पहले 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए इसपर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा कि SBI 6 मार्च तक इससे जुड़ी जानकारियों को चुनाव आयोग से साझा करे. जिसे चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करे. लेकिन अब इस मामले में SBI ने 30 जून तक का समय मांगा है.

वीडियो: Arun jaitley ने संसद में इलेक्टोरल बॉन्ड के क्या-क्या फायदे गिनाए थे ?

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