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भारत की एक मिसाइल पाकिस्तान के इलाके में कैसे गिरी, सरकार ने बताया

बीती 9 मार्च की घटना है.

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भारत ने कहा कि टेक्निकल खराबी की वजह से मिसाइल गलत दिशा में चला गया. सांकेतिक फोटो
पाकिस्तान ने गुरुवार 10 मार्च को दावा किया था कि भारत की एक मिसाइल ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है. इसे लेकर अब सरकार ने सफाई जारी की है. शुक्रवार 11 मार्च को प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया है,
"9 मार्च 2022 को रूटीन मेंटेनेंस के दौरान तकनीकी खराबी के चलते एक मिसाइल दुर्घटनावश फायर हो गई थी. भारत सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और उच्चस्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दे दिया है. ये जानने में आया है कि मिसाइल पाकिस्तान के इलाके में गिरी थी. ये घटना अत्यंत खेदजनक है. राहत की बात ये है कि इस दुर्घटना में किसी की जान नहीं गई."
इससे पहले पाकिस्तान ने आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत की तरफ से एक सुपरसॉनिक ऑब्जेक्ट उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करते हुए एक इलाके में गिरा है. कहा गया कि ये ऑब्जेक्ट एक मिसाइल थी. पाकिस्तान ने कहा था कि ऑब्जेक्ट की रफ्तार 124 किलोमीटर प्रतिघंटा थी और वो खानेवाल जिले के मियां चन्नू इलाके के पास गिरा था. पाकिस्तान का दावा था कि इस हमले में स्थानीय लोगों की संपत्ति को नुकसान हुआ था. हालांकि ये भी बताया कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था. पाकिस्तानी सेना की मीडिया और पीआर विंग ISPR के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ये घटना बीती 9 मार्च की है. अपनी प्रारंभिक जांच के हवाले से उन्होंने बताया कि भारत की तरफ से आया सुपरसॉनिक ऑब्जेक्ट सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल थी. बयान में बाबर इफ्तिखार ने ये भी कहा था कि मिसाइल अचानक पाकिस्तान की तरफ बढ़ गई थी. पाकिस्तानी वायु सेना ने उस पर नजर बनाई हुई थी. इसके बाद सीधे पाकिस्तान की सरकार से प्रतिक्रिया आई थी. वहां के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस घटना को 'भारत की आक्रमकता' बता दिया. एक पाकिस्तानी अखबार दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक शाह महमूद ने कहा था कि भारत को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी होगी और वो इसे लेकर सफाई दे. इसी बीच पाकिस्तान स्थित भारतीय राजनयिक को वहां की सरकार ने तलब कर लिया और घटना को लेकर आपत्ति जताई. हालात देखते हुए अब भारत के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी किया है.