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'वसूली-गुंडागर्दी से बचाओ'- सरकारी प्रोजेक्ट्स में लगे ठेकेदारों ने शिंदे सरकार से ऐसा क्यों कहा?

फरवरी के आखिर तक मांगें पूरी नहीं की गई तो ठेकेदारों ने काम बंद करने की धमकी दी है. दावा किया कि उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ रहा है.

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CM एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्रियों को लेटर लिखा गया है (फाइल फोटो- आजतक)

महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकारी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे ठेकेदारों (Contractors) ने CM शिंदे (Eknath Shinde) सरकार से मदद मांगी है. कहा है कि राज्य में राजनीतिक टकराव के चलते उन्हें जबरन वसूली, मारपीट और गुंडागर्दी का सामना करना पड़ रहा है. ठेकेदारों ने कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाते हुए सरकार से अपनी सुरक्षा की मांग की है.

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महाराष्ट्र राज्य के ठेकेदार संघ MSCA और इंजीनियर्स एसोसिएशन SEA ने 3 फरवरी को मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फणनवीस और अजित पवार को एक लेटर लिखा. इसमें ठेकेदारों के साथ हो रहे कथित दुर्व्यवहार और राज्य के सरकारी प्रोजेक्ट्स में हो रही देरी से जुड़ी शिकायत की गई है.

लेटर में क्या लिखा? 

लेटर के मुताबिक, सत्ताधारी विधायकों और सांसदों ने राज्य में भारी मात्रा में डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है. लेकिन विपक्ष में बैठे राजनीतिक समूह ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि काम रुका रहे. ऐसा करने के लिए ये समूह ठेकेदारों और मजदूरों के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं और काम रोकने के लिए उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट भी कर रहे हैं. ये समूह ठेकेदारों के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करते हैं और बाद में पैसे की मांग करते हैं. जब प्रोजेक्ट में देरी होती है तो ठेकेदारों पर जुर्माना लगाया जाता है.

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MSCA और SEA के अध्यक्ष मिलिंद भोसले ने बताया कि अनुमान के मुताबिक राज्य सरकार ने राज्य में लगभग एक लाख करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट्स के आदेश जारी किए हैं.

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मांग है कि राज्य प्रशासन को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए और इसको लेकर कानून बनाना चाहिए जिससे ठेकेदारों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोका जा सके. सरकार से वर्क साइट पर ठेकेदारों की सुरक्षा को लेकर भी कानून बनाने की मांग की जा रही है. इतना ही नहीं फरवरी के आखिर तक सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं किया गया तो काम बंद करने की धमकी दी गई है. 

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