पंजाब के अमृतसर में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 पहुंच गई है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक शराब बनाने में जहरीले केमिकल मेथेनॉल का प्रयोग किया गया था, जिसे साबुन बनाने के नाम पर थोक में ऑनलाइन खरीदा गया था. शराब पीने के बाद लोगों की हालत बिगड़ने लगी. पिछले 24 घंटे में चार और लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने 16 आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड हासिल कर लिया है. उनसे पूछताछ कर मामले की जानकारी हासिल की जा रही है.
साबुन बनाने के नाम पर खरीदे केमिकल से बनाई शराब, पीकर अब तक 27 की मौत हो गई
पंजाब के अमृतसर में जहरीली शराब पीने से 27 लोगों की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक, साबुन बनाने के नाम पर खरीदे गए मेथेनॉल से शराब बनाई गई थी. पुलिस ने मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया है.

मामला 12 मई की रात का है. अमृतसर के SSP मनिंदर सिंह को खबर मिली कि लोग जहरीली शराब पीने से मर रहे हैं. उस दिन 17 लोगों के मौत की खबर सामने आई थी. पुलिस ने मामले में तत्काल एक्शन लिया और शराब के मेन सप्लायर समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया. जांच में पता चला कि जहरीली शराब बनाने के लिए थोक में मेथनॉल खरीदा गया था.
मेथनॉल एक हल्का रंगहीन केमिकल है, जिसे इथेनॉल के सस्ते विकल्प के रूप में नशीले पेय पदार्थों में अवैध तरीके से मिलाया जाता है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शराब बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मेथनॉल काफी खतरनाक होता है. सिर्फ 60 ML मेथनॉल भी मौत का कारण बन सकता है.
अमृतसर में इसी का इस्तेमाल कर तकरीबन 60 लीटर शराब बनाई गई थी. इसे 2-2 लीटर के पैकेट में भरकर 20-30 रुपये में बेचा गया था.
साबुन बनाने के नाम पर खरीदा केमिकलजहां से मेथेनॉल थोक में खरीदा गया था, पुलिस ने उसके मालिक पंकज कुमार और अरविंद कुमार को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों ने बताया कि मुख्य आरोपी साहब सिंह ने उनसे साबुन बनाने के नाम पर मेथेनॉल मांगी थी. इससे बाद में जहरीली शराब बनाई गई.
शराब पीने से भंगली, पातालपुरी, मरारी कलां, तलवंडी खुम्मन, करनाला, भंगवान और थेरेवाल गांवों में मौतें हुई हैं. मरने वाले ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर थे. उनकी उम्र 26 से 80 साल के बीच थी. इनमें से कई अपने परिवार के लिए अकेले कमाने वाले थे.
जहरीली शराब कांड से पंजाब में कोहराम मचा है. इंडिया टुडे के रिपोर्टर असीम बस्सी के अनुसार, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दो आबकारी अधिकारियों, DSP और SHO को निलंबित कर दिया है. सीएम ने कहा,
बिना किसी नौकरशाही और राजनेताओं की संलिप्तता के नकली शराब की खुली बिक्री संभव नहीं है. हम सभी को बेनकाब करेंगे और कार्रवाई करेंगे.
उन्होंने कहा कि इस मामले के तार दिल्ली से भी जुड़े हैं और हम इसका पर्दाफाश करने के लिए तैयार हैं.
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