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उज्जैन: पिता को दिखाने के लिए मां ने फ्रिज में रखा था खून, बच्चों की आत्महत्या मामले में और क्या पता चला?

पुलिस जांच के दौरान पता चला कि बच्चों का पिता सादिक कुवैत में रहता है. कई सालों तक वो घर भी नहीं आ पाता है. पुलिस ने बताया कि मां भी बच्चों के साथ जान देना चाहती थी.

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उज्जैन में रह रहे बच्चों ने जान दी. (फोटो: आजतक)

मध्य प्रदेश के उज्जैन (Madhya Pradesh Ujjain crime news) में बीते दिनों भाई बहन के जान देने की घटना सामने आई थी. दोनों की मौत के बाद पुलिस ने उनकी मां को गिरफ्तार कर लिया था. उनके माता-पिता पर बच्चों को जान देने के लिए उकसाने का आरोप है. मामले पर नया एंगल सामने आया है. पुलिस ने बताया कि मां भी बच्चों के साथ जान देना चाहती थी.

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क्या है मामला?

इंडिया टुडे से जुड़े संदीप कुलश्रेष्ठ की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना उज्जैन के जीवाजी गंज इलाके की है. 29 मार्च को इलाके के रहने वाले 29 साल के ताहिर और उसकी 15 साल की बहन की लाश मिली थी. जांच के दौरान पुलिस को मौके से एक लेटर मिला. जिसमें मृतकों ने अपने पिता को इसका दोषी ठहराया. पुलिस ने जब कमरे की तलाशी ली तो उन्हें कमरे में रखे फ्रिज के अंदर खून रखा मिला. घटना के बाद पुलिस ने मृतक बच्चों की मां फातिमा को गिरफ्तार कर लिया. और माता-पिता के खिलाफ IPC की धारा 305 (नाबालिग को जान देने के लिए उकसाना) और 306 (किसी को भी आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत केस दर्ज कर लिया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने घटना को लेकर उनसे पूछताछ की.

जांच में क्या पता चला?

पुलिस जांच के दौरान पता चला कि बच्चों का पिता सादिक कुवैत में रहता है. कई सालों तक वो घर भी नहीं आ पाता है. 29 साल के ताहिर को आंखों की गंभीर बीमारी थी. जिसके चलते वो काफी परेशान रहता था. कुछ दिन पहले सादिक ने पत्नी फातिमा के मोबाइल पर मैसेज किया था. इसमें उसने बताया कि वो लोग उससे पैसे को लेकर ज्यादा उम्मीद न रखें. इस मैसेज के बाद मां फातिमा ने अपने बच्चों के साथ मिलकर जान देने का फैसला किया. लेकिन बच्चों के कहने पर मां रुक गई.

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पूछताछ के दौरान फातिमा ने पुलिस को बताया,

'मेरे पति सादिक साल 2003 से कुवैत में नौकरी कर रहे हैं. कई सालो के अंतराल में वो घर आते हैं. परिवार को कम समय देते हैं. और परिवार का ध्यान भी नहीं रखना चाहते हैं. इसके चलते पूरा परिवार आपनी जान देना चाहता था.'

उन्होंने आगे बताया,

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'मैं भी अपनी जान देना चाहती थी. लेकिन पिता को खून दिखाने के लिए बच्चों ने मुझे ऐसा करने से रोक दिया. इसी के बाद मैंने प्लास्टिक की थैली में बच्चों का खून भरकर फ्रिज में रख दिया. बेटे-बेटी के जान देने के बाद मैं स्कूल चली गई. शाम को वापस आने के बाद मैंने घटना से अनजान होने का नाटक किया. और पुलिस को घटना की जानकारी दी.'

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पुलिस ने क्या बताया?

घटना के बारे में बताते हुए उज्जैन के SP प्रदीप शर्मा ने बताया,

'दो-भाई बहनों ने कुछ दिन पहले आत्महत्या कर ली थी. भाई की उम्र 29 साल है और बहन की उम्र 15 साल. इस मामले में पूरी तहकीकात की गई. जांच में पता चला कि बच्चों का पिता साल 2003 से विदेश में नौकरी करता है. परिवार को कम समय दे पाता है. बेटे की आंख में गंभीर बीमारी थी. जिसके चलते वो काफी परेशान रहता था. इसका इलाज संभव नहीं था.'

उन्होंने आगे बताया कि इस मामले में IPC की धारा 305 और 306 के तहत केस दर्ज किया गया है.

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