कोचिंग सेंटर्स की मंडी राजस्थान (Rajasthan) का कोटा (Kota) शहर. दो और स्टूडेंट्स ने यहां रविवार, 27 अगस्त को सुसाइड कर लिया. ये दोनों स्टूडेंट्स यहां रहकर मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहे थे. कोटा में बीते एक महीने में पांच स्टूडेंट्स आत्महत्या कर चुके हैं, जबकि इस पूरे साल में अबतक 23.
कोटा में 2 और छात्रों ने किया सुसाइड, 1 महीने में 5 ने दे दी जान, सरकार ने क्या बड़ा फैसला ले लिया?
टेस्ट खत्म हुआ, लड़के ने सुसाइड कर लिया, एक स्टूडेंट महाराष्ट्र का और दूसरा बिहार का

रविवार को पहली मौत महाराष्ट्र के एक 16 वर्षीय लड़के की हुई. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक पुलिस अधिकारी धर्मवीर सिंह ने बताया कि लड़के ने रविवार दोपहर को विज्ञान नगर इलाके में अपनी कोचिंग में टेस्ट दिया और इसके बाद कोचिंग संस्थान में ही ये कदम उठा लिया.
इस घटना के तकरीबन छह घंटे बाद बिहार के एक 18 साल के स्टूडेंट ने कोटा के कुनाडी इलाके में आत्महत्या कर ली. कुनाडी पुलिस स्टेशन के SHO गंगा सहाय शर्मा ने बताया कि लड़का अपनी बहन और चचेरे भाई के साथ कुनाडी इलाके में एक किराए के अपार्टमेंट में रह रहा था. अचानक लड़के ने अंदर से कमरा बंद कर लिया था, बार-बार खटखटाने पर भी जब उसने कोई जवाब नहीं दिया तो दरवाजा तोड़ा गया तो लड़का मृत मिला. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई.
इस घटना के बाद प्रशासन ने कोचिंग सेंटर्स को आदेश दिया है कि वो अगले दो महीनों तक अपने संस्थान में कोई टेस्ट्स न करवाएं. रविवार देर रात, कोटा के जिलाधिकारी ओम प्रकाश बुनकर ने कहा कि उन्होंने एक आदेश जारी किया है जिसमें कोचिंग सेंटर्स को अगले दो महीनों तक कोई भी परीक्षा न लेने का निर्देश दिया गया है. बुनकर ने मुताबिक मृतक लड़कों के साथ उनके परिवार के लोग रहते थे और दोनों के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं देखा गया. ऐसे मामलों में प्रशासन के लिए आत्महत्या रोकना बड़ी चुनौती बन गया है, हालांकि उनका कहना है कि वे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं.
कोटा में इस साल अबतक 23 कोचिंग स्टूडेंट्स सुसाइड कर चुके हैं. बीते 10 अगस्त को ही मनीष प्रजापति नाम के एक स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली थी. 17 साल का मनीष उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला था. मनीष पिछले छह महीने से कोटा के एक निजी कोचिंग इंस्टीट्यूट में ज्वॉइन्ट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) परीक्षा की तैयारी कर रहा था.
उधर, बढ़ते आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए राज्य सरकार काफी प्रयास कर रही है. इसी महीने की शुरुआत में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद कोचिंग संचालकों के साथ एक बैठक की थी. और उनसे बेहतर माहौल बनाने की अपील की थी, जिससे स्टूडेंट्स पर मानसिक दबाव न बढे और वो आत्महत्या को मजबूर ना हों. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जताते हुए कहा था कि कोचिंग सिस्टम में सुधार लाने की जरूरत है, वो बच्चों को मरते हुए नहीं देख सकते.