केरल में एक ड्रग डीलर ने पुलिस से बचने का ऐसा इंतज़ाम किया कि पुलिस ने भी उसे अरेस्ट बाद में किया होगा, दाद पहले दी होगी (जस्ट किडिंग). अगले ने अपने यहां 13 खतरनाक कुत्ते रखे थे, जिन्हें कथित रूप से खाकी देखते ही अटैक करने की ट्रेनिंग दी गई थी. और कुत्ते भी ऐसे-वैसे नहीं. पिटबुल और रॉटविलर. लेकिन अंततः 25 सितंबर को पुलिस ने कुत्तों पर विजय प्राप्त की और 17 किलो गांजा ज़ब्त कर लिया.
केरल का ड्रग डीलर जिसके पिटबुल जैसे 13 खतरनाक कुत्ते खाकी देखते ही झपट पड़ते थे
इलाके में सब रॉबिन को डॉग ट्रेनर के रूप में जानते थे. लेकिन उसका असली काम ड्रग्स का था.

इंडिया टुडे की संवाददाता शिबिमोल के जी की रिपोर्ट के मुताबिक ड्रग डीलर का नाम रॉबिन जॉर्ज है. वो कोट्टायम में डॉग ब्रीडिंग सेंटर चलाता है, 'डेल्टा K9' नाम से. लेकिन उसका असली धंधा ड्रग डीलिंग का ही था.
कोट्टायम के पुलिस अधीक्षक कार्तिक ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि रॉबिन पिछले डेढ़ साल से किराए के घर किराए में रहता था और वह इलाके में डॉग ट्रेनर के रूप में जाना जाता था. कार्तिक के कहा,
"शहर से बाहर जाते समय लोग अपने कुत्तों को उसके (रॉबिन) पास छोड़ देते थे. वह हर दिन के 1,000 रुपये लेता था और कुत्तों की देखभाल करता था. 25 सितंबर की रात 10 बजे हम सादे कपड़ो में उसके घर गए. उसे पास बुलाकर गांजा खरीदने की बात कही. उस समय वहां एक कस्टमर पहले से मौजूद था. छापे के दौरान रॉबिन वहां से भाग निकला."
पुलिस के मुताबिक घर में घुसते ही टीम पर कुत्तों ने हमला कर दिया. पिटबुल नस्ल के दो कुत्ते घर के अंदर थे और जर्मन शेफर्ड और केन कोरसो जैसी नस्ल के कुत्ते बाहर थे. टीम के सदस्यों ने बड़ी मुश्किल से इन कुत्तों से अपनी जान बचाई और डॉग स्क्वाड के सदस्यों को बुलाने के बाद ही पुलिस अच्छी तरह घर की तलाशी ले पाई.
रिपोर्ट के मुताबिक कुत्तों के हमले में कोई भी पुलिस अघिकारी घायल नहीं हुआ है और पुलिस रॉबिन की तलाश कर रही है.
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