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काश पटेल ने भगवद गीता पर ली FBI डायरेक्टर की शपथ, फिर बोले- ऐसा और कहीं नहीं हो सकता

Kash Patel takes oath on Bhagavad Gita: काश पटेल की नियुक्ति पर अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने भी ख़ुशी जताई है. ट्रम्प ने उनकी तारीफ़ की और कहा, 'मुझे लगता है कि वो इस पद पर अब तक के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति के रूप में जाने जाएंगे.'

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काश पटेल ने FBI डायरेक्टर के रूप में शपथ ली. (फ़ोटो - रॉयटर्स)

काश पटेल ने आधिकारिक तौर पर FBI के नए डायरेक्टर के रूप में कार्यभार संभाल लिया है (Kash Patel FBI Director). भगवद गीता पर हाथ रखकर उन्होंने FBI के नौवें डायरेक्टर के रूप में शपथ ली. वॉइट हाउस में अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी की देखरेख में उन्हें शपथ दिलाई गई. उन्होंने इसे अपने जीवन का सबसे बड़ा सम्मान बताया है. इस नियुक्ति पर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भी ख़ुशी जताई है.

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान काश पटेल ने कहा,

मैं अमेरिकन ड्रीम को जी रहा हूं. जो कोई भी सोचता है कि अमेरिकन ड्रीम मर चुका है, वो यहीं देख ले. आप पहली पीढ़ी के भारतीय से बात कर रहे हैं, जो दुनिया के सबसे महान देश की लॉ इनफ़ोर्समेंट एजेंसी को लीड कर रहा है. ऐसा कहीं और नहीं हो सकता. मैं वादा करता हूं कि FBI के भीतर और बाहर, हर जगह जवाबदेही तय की जाएगी.

बता दें, वॉशिंगटन स्थित वॉइट हाउस परिसर में आइजनहावर एग्जीक्यूटिव ऑफ़िस बिल्डिंग (EEOB) के इंडियन ट्रीटी रूम में ये शपथ ग्रहण कार्यक्रम हुआ. बता दें, पटेल की नियुक्ति को अमेरिकी सेनेट ने 20 फ़रवरी को 51-49 मतों से मंजूरी दी थी. दो रिपब्लिकन सेनेटरों, सुसान कोलिन्स और लीजा मुर्कोव्स्की ने उनके ख़िलाफ़ वोट दिया था.

अब काश पटेल की FBI डायरेक्टर पद पर नियुक्ति पर राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रम्प ने उनकी तारीफ़ की और कहा,

मुझे लगता है कि वो इस पद पर अब तक के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति के रूप में जाने जाएंगे. FBI के एजेंट इस आदमी से प्यार करते हैं. वो एक सख़्त और मजबूत व्यक्ति हैं. उनकी अपनी राय है.

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क्रिस्टोफर रे की जगह लेंगे

बता दें, काश पटेल FBI डायरेक्टर के रूप में क्रिस्टोफर रे की जगह लेंगे. क्रिस्टोफर रे को 2017 में ट्रंप ने ही नियुक्त किया था. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर बाइडन के कार्यकाल के आखिर-आखिर में उन्होंने पद छोड़ दिया था. क्रिस्टोफर रे और डॉनल्ड ट्रंप के बीच मतभेद की ख़बरें लंबे समय से आती रही हैं. ख़ासकर तब, जब FBI एजेंट्स ने 2022 में जांच के दौरान ट्रंप के मार-ए-लागो एस्टेट की तलाशी ली थी.

नियुक्ति पर विवाद

पटेल ने ऐसे समय में FBI का कार्यभार संभाला है, जब FBI में हालात बहुत ख़राब चल रहे हैं. हाल के हफ़्तों में जस्टिस डिपार्टमेंट ने कई सीनियर अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया है. साथ ही, 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल दंगे से जुड़ी जांच में शामिल हजारों एजेंटों के नाम भी मांगे हैं.

उनकी नियुक्ति ने डेमोक्रेट्स के बीच चिंता पैदा कर दी है, जो उनके नेतृत्व में एजेंसी की स्वतंत्रता को लेकर फिक्रमंद हैं. डेमोक्रेट्स ने चिंता जताई है कि काश पटेल डॉनल्ड ट्रंप के राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए अपने पद का ग़लत इस्तेमाल कर सकते हैं. डेमोक्रेट सीनेटर एडम शिफ ने कहा, 'FBI को डॉनाल्ड ट्रंप की सेना के रूप में काम नहीं करना चाहिए.'

डेमोक्रेट्स ने काश पटेल के उन पुराने बयानों की तरफ़ ध्यान दिलाया, जब वो सरकार और मीडिया के उन लोगों के खिलाफ़ कार्रवाई करने की बात कहते थे, जिन पर ट्रंप के ख़िलाफ़ कथित साज़िश रचने का आरोप हैं.

काश पटेल ने हाल ही में दिए एक भाषण में कुछ पत्रकारों पर उनके बारे में ‘फ़र्जी, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक' रिपोर्ट लिखने का आरोप लगाया था. हालांकि, काश पटेल ने एजेंसी में भरोसा बहाल करने का वादा किया है. वहीं, रिपब्लिकंस मानते हैं कि काश पटेल कानून में राजनीतिक पक्षपात को ’ठीक करने' के लिए सही व्यक्ति हैं.

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