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कर्नाटक HC के जज ने बताया, 'ADGP के खिलाफ आदेश दिया तो दिल्ली से मिली ट्रांसफर की धमकी'

कर्नाटक हाई कोर्ट के जज एचपी संदेश ने खुद को मिली धमकी वाली बात लिखित आदेश में शामिल की है. इसमें उन्होंने लिखा कि कैसे एक दूसरे जज के जरिये उन्हें ये धमकी दी गई थी.

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जस्टिस एचपी संदेश (बाएं) (फोटो : कर्नाटक हाई कोर्ट/आजतक)

हाल में कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) के जज एचपी संदेश ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया था. उन्होंने कहा था कि कर्नाटक एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के प्रमुख एडीजीपी सीमांत कुमार सिंह के खिलाफ आदेश पारित करने की वजह से उन्हें ट्रांसफर की धमकी मिली थी. जस्टिस एचपी संदेश ने सोमवार, 11 जुलाई को ये धमकी लिखित आदेश में दर्ज कर दी.

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‘दिल्ली से एक कॉल आई थी’

इंडिया टुडे की कनु सारदा की रिपोर्ट के मुताबिक लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि आधिकारिक आदेशों में मौखिक टिप्पणियों को दर्ज करना बहुत दुर्लभ है, लेकिन कुछ मामलों में न्यायाधीश इसका उल्लेख करते हैं. जज एचपी संदेश ने अपने आदेश में दर्ज किया कि 1 जुलाई को कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे रितु राज अवस्थी को विदाई देने के लिए डिनर फंक्शन हुआ था. इस दौरान उन्हें एक मौजूदा जज के जरिए ट्रांसफर की धमकी दी गई थी. (लल्लनटॉप को और करीब से जानें)

इसके बाद अपने आदेश में न्यायमूर्ति एचपी संदेश ने कहा,

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कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रिटायरमेंट और उनकी विदाई पर 1 जुलाई, 2022 को डिनर की व्यवस्था की गई थी. एक माननीय सिटिंग जज आए और मेरी बगल में बैठे. उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली से एक कॉल आई थी और दिल्ली से फोन करने वाले ने मेरे बारे में पूछताछ की. मैंने तुरंत जवाब दिया कि मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा हूं. लेकिन माननीय जज नहीं रुके और आगे कहा कि एडीजीपी उत्तर भारत से हैं और ताकतवर हैं. उन्होंने एक सीनियर जज के किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर का उदाहरण दिया. यह और कुछ नहीं बल्कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और न्याय व्यवस्था पर हमला है.

पूरा मामला क्या है?

दरअसल, एक भूमि विवाद मामले में एक उप तहसीलदार पर रिश्वत लेने का आरोप था. उसने जमानत के लिए अदालत में याचिका दायर की हुई थी. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एचपी संदेश ने कर्नाटक एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच पर असंतोष जाहिर किया था. इसमें उन्होंने एसीबी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) सीमांत कुमार सिंह के खिलाफ कथित तौर पर नेगेटिव कॉमेंट कर दिए थे. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक न्यायमूर्ति संदेश ने एंटी करप्शन ब्यूरो को 'उगाही केन्द्र' और सीमांत कुमार सिंह को ‘दागदार अधिकारी’ कहा था. 

वहीं कर्नाटक एसीबी ने न्यायमूर्ति एचपी संदेश द्वारा पारित आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. एडीजीपी ने अपनी याचिका में उन टिप्पणियों को हटाने का अनुरोध किया, जो जस्टिस संदेश ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान की थीं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 12 जुलाई को जस्टिस एचपी संदेश से उस जमानत याचिका पर सुनवाई तीन दिन के लिए स्थगित करने को कह दिया.

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वीडियो- बेंगलुरु: भ्रष्टाचार के केस में जज को ट्रांसफर की धमकी मिली

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