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3 वर्ड स्टोरी: मंत्री से परेशान DSP ने FB पर दिया इस्तीफा

बेल्लारी की DSP ने फेसबुक पर 3 शब्दों से लिखा इस्तीफा. कुछ वक्त पहले मिनिस्टर पीटी परमेश्वर का फोन होल्ड रखने पर हुआ था ट्रांसफर.

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फोटो - thelallantop

रिजाइन्ड एंड जॉबलेस :) 

कर्नाटक के बेल्लारी में डीएसपी अनुपना शेनॉय ने फेसबुक पर अपने इस्तीफे की जानकारी दी. लिखा, 'इस्तीफा दे दिया है. अब बेरोजगार हूं.' अनुपमा वही ऑफिसर हैं, जिनका कर्नाटक सरकार में मिनिस्टर पीटी परमेश्वर का फोन होल्ड पर रखने की वजह से ट्रांसफर हो गया था. अनुपना शेनॉय ने इस्तीफे की बात फेसबुक पर लिखने के बाद आगे भी कई पोस्ट लिखी. एक पोस्ट में सीडी से किसी खुलासा करने का जिक्र है. उन्होंने लिखा:

'क्या आप सीडी चाहते हैं या ऑडियो?'

'जब मैं ये सीडी रिलीज करूंगी. क्या आप मुझे जान से मारने की धमकी देंगे. अगर मैं मर भी गई तो मैं वापस लौटूंगी. एक बुरी आत्मा की तरह, तुमसे बदला लेने के लिए.'
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, बीजेपी वाले इस खबर के सामने आने से चौड़ में आ गए हैं. बीजेपी लीडर सुरेश कुमार ने कहा, 'अनुपमा ईमानदार ऑफिसर हैं. अपनी काबिलियत के लिए जानी जाती हैं. दो महीने पहले मंत्री के चक्कर में उन्हें परेशान किया गया. अब उन्हें राजनीतिक प्रैशर के चलते इस्तीफा दिलवाया गया है. सरकार को ईमानदार ऑफिसर का साथ देना चाहिए.' अनुपमा स्टेट गवर्मेंट और शराब माफिया से भी काफी परेशान थीं. अनुपमा ने फेसबुक पर लिखा, 'शराब लॉबी को सलाम कीजिए. जनता शराब माफिया को सलाम करे. मैं शराब माफिया के आगे घुटने नहीं टेकेंगी. राज्य में रम राज्य का बोलबाला है.' बता दें कि अनुपमा बेल्लारी जिले में कुडलिगी में डीएसपी पोस्ट पर थीं. फरवरी को इस इलाके के विधायक पीटी परमेश्वर का फोन अनुपमा ने होल्ड पर रख दिया था. इससे नाराज होकर ऑन कैमरा परमेश्वर अनुपमा का ट्रांसफर करवाने की बात करते नजर आए. बहुत हंगामा हुआ. तब जाकर कहीं अनुपमा को बहाल किया गया. कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा, 'इस्तीफे के बारे में सुना है. लेकिन ज्यादा पता नहीं है इस मामले के बारे में. अधिकारी जांच कर रहे हैं. अनुपमा ने इस्तीफा भेज दिया है. डीजी मामले को देखेंगे.' फेसबुक पोस्ट के अलावा अनुपमा का इस मामले में कोई रिएक्शन नहीं मिल पाया है. पीटी परमेश्वर ने जिस वीडियो में अनुपमा के ट्रांसफर की बात कही थी. वो कन्नड़ भाषा में है. वीडियो में वो कहते नजर आए,
'उसने मेरा फोन नहीं उठाया. इसलिए मैंने उसका ट्रांसफर करवा दिया. अगर वो डिस्ट्रिक्ट मिनिस्टर का फोन नहीं उठा सकते, तो उन्हें रहने का कोई हक नहीं है. '

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