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भरी संसद में इस वजह से निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया, ट्रूडो ने बताई वजह

भारत-कनाडा संबंधों में तनाव के बीच ट्रूडो का ये बयान संबंधों को बदतर कर सकता है.

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ट्रूडो के बयान के बाद से भारत-कनाडा संबंध अभी तक सामान्य स्थिति में आए नहीं. (फ़ोटो - सोशल मीडिया)

इस साल के सितंबर महीने में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने 'ख़ालिस्तानी आतंकी' हरदीप सिंह निज्जर (Hardip Singh Nijjar) की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप लगाए थे. तब से अब तक भारत और कनाडा के बीच गंभीर तनाव है. फिर पन्नू विवाद ने इस तनाव को और आग ही दी है. अब PM ट्रूडो ने एक इंटरव्यू में बताया है कि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर ये आरोप क्यों लगाए थे.

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'भारतीय अफसर पहले से जानते थे'

इससे पहले, 18 सितंबर को दिए बयान के बाद से भारत-कनाडा संबंध अभी तक सामान्य स्थिति में नहीं आए हैं. भारत के गृह मंत्रालय ने 2020 में ही निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था. इधर, भारत सरकार ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताते हुए ख़ारिज कर दिया. मगर भारतीय अफ़सरों को इस बात का भान था– ये बात नई है.

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न्यूज़ एजेंसी द कनेडियन प्रेस के साथ इंटरव्यू में PM ट्रूडो ने अब कहा है कि हफ़्तों की 'शांत कूटनीति' के बाद उन्होंने हाउस ऑफ़ कॉमन्स (वहां के लोकसभा) में ये बयान दिया था. पहले उन्होंने भारत के साथ उच्चतम स्तर पर अपनी चिंताएं और आरोप शेयर किए थे. फिर जाकर उन्होंने सदन में कुछ कहा. और, क्यों कहा? बकौल ट्रूडो, उनका मक़सद था कि ऐसी कोई भी घटना फिर न हो और कनाडाई जनता को तसल्ली मिल जाए. उन्होंने कहा,

बहुत सारे कनाडाई चिंतित थे कि वो असुरक्षित हैं. निज्जर की हत्या के तुरंत बाद से ही लोगों को ऐसी चिंताएं हो रही थीं.

हम जानते थे कि ये बातचीत मुश्किल होगी... हमने अपनी तरफ़ से भारत को चेतावनी दी थी कि ये बातें सामने आएंगी ही. राजनयिक स्तर पर हमने चीज़ों को गुप्त रखने के प्रयास किए, लेकिन इससे ज़्यादा नियंत्रण नहीं लगाया जा सकता था.

हमें लगा कि कूटनीति और हमारे प्रयास को लेवल-अप करने की ज़रूरत थी. जैसे, सार्वजनिक रूप से या ज़ोर देकर ये कहना कि हमारे पास विश्वसनीय सबूत हैं कि हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ था.

इधर, पिछले हफ़्ते भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बताया था कि कनाडा ने भारत के साथ कोई विशेष सबूत या इनपुट शेयर नहीं किए हैं.

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वहीं भारत ने कनाडा में कुछ वीज़ा सेवाएं फिर से शुरू कीं. रिश्ते ख़राब होने के बाद उन्हें एक महीने से ज़्यादा समय के लिए बंद कर दिया गया था.

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