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अप्रेजल से दुखी नौकरीपेशा लोग झारखंड के CM, मंत्रियों, MLAs का इंक्रीमेंट बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे

मुख्यमंत्री के वेतन में 25%, मंत्रियों के वेतन में 31% और विधायकों के वेतन में 50% तक की बढ़ोतरी की गई है. भत्ते भी बढ़ा दिए गए हैं.

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झारखंड सरकार ने सीएम, मंत्रियों और विधायकों का इंक्रीमेंट किया मंजूर.

अप्रेज़ल हो गया. तनख़्वाह बढ़ गई. वो भी 50%. मगर अप्रैल में अप्रेज़ल की ओर मुंह खोले एंप्लॉयीज की नहीं. झारखंड के विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री की. बुधवार, 19 जून को ख़बर आई कि झारखंड मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विपक्ष के नेता, सत्ता और विपक्षी दलों के मुख्य सचेतकों सहित सभी विधायकों की तनख़्वाह बढ़ाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है.

इंडिया टुडे से जुड़े सत्यजीत कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक़, मुख्यमंत्री के वेतन में 25%, मंत्रियों के वेतन में 31% और विधायकों के वेतन में 50% तक की बढ़ोतरी की गई है. 

अब इससे पहले कि आप इस सोच में पड़ें कि ‘घर के बड़े’ ने बड़ा दिल दिखाया है, तो मालूम हो कि नए संशोधन के तहत, मुख्यमंत्री का मूल वेतन (बेसिक) 80,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है. इसमें भत्ते और अन्य सुविधाएं शामिल नहीं हैं. इसके अलावा क्षेत्र भत्ता (एरिया अलाउंस) 80,000 रुपये से बढ़ाकर 95,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है, और जलपान भत्ता (रिफ़्रेशमेंट अलाउंस) 60,000 रुपये से बढ़ाकर 70,000 रुपये कर दिया गया है.

मुख्यमंत्री के बाद विधानसभा अध्यक्ष हैं. पहले उनका बेसिक 78,000 था. अब 98,000 रुपये कर दिया गया है.

माननीय मंत्रियों का क्या हाल है? मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट ने जो प्रस्ताव स्वीराका है, उसके तहत मंत्रियों का बेसिक 65,000 रुपये से बढ़ाकर 85,000 कर दिया गया है. और, विधायकों का 40,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000. इसके इतर, उन्हें 80,000 रुपये से बढ़ाकर 95,000 रुपये का क्षेत्र भत्ता मिलेगा और 55,000 रुपये का जलपान भत्ता.

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अच्छा, चाहे हर मामले में सत्ता और विपक्ष एक-दूसरे के ख़िलाफ़ तलवार खींचे दिखें, मगर इस मामले में जबरदस्त समन्वय और एकजुटता दिखी. एकदम 'बॉर्डर' फ़िल्म वाले सनी देओल और जैकी श्रॉफ़ जैसी, कि हम ही हम हैं तो क्या हम हैं… तुम्हीं तुम हो तो क्या तुम हो.

विपक्ष के नेता की तनख़्वाह 65,000 रुपये से बढ़ाकर 85,000 रुपये और पक्ष-विपक्ष के मुख्य सचेतकों का वेतन 55,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है.

ये तय किसने किया कि किसका कित्ता पैसा बढ़ेगा? वेतन संशोधन की समीक्षा के लिए एक पांच सदस्यीय समिति गठित की गई थी. पिछले साल दिसंबर में उन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंपी. इसी में ये सिफ़ारिशें थीं. माने जनप्रतिनिधियों ने ही ये तोहफ़ा ख़ुद को दिया है. इसके बाद अगस्त में एक और समिति ने विधायकों का मूल वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था. 

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