‘अगर हम पर किसी भी तरह का हमला किया जाता है, तो हम अपनी पूरी ताक़त से आप पर टूट पड़ेंगे. ऐसे, जैसे पहले कभी नहीं हुआ होगा.’
ट्रंप की ईरान को सीधी धमकी- 'हम पर हमले की कोशिश भी की तो पूरी सेना उतार देंगे'
Donald Trump warns Iran: इजरायल ने दावा किया है कि उसने 14-15 जून की दरमियानी रात ईरान के रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया. ट्रंप का कहना है कि इस हमले में अमेरिका का हाथ नहीं है.

ये चेतावनी अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ईरान को दी है. हालांकि, ट्रंप ने ये भी कहा कि वो आसानी से ईरान और इज़रायल (Israel Iran Conflict) के बीच समझौता करवा सकते हैं.
बीते तीन दिनों से ईरान और इज़रायल के बीच संघर्ष जारी है. दोनों देशों के एक-दूसरे पर हमले बढ़ते जा रहे हैं. इजरायल ने दावा किया है कि उसने 14-15 जून की दरमियानी रात ईरान के रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा,
आज रात ईरान पर हुए हमले में अमेरिका का कोई हाथ नहीं था. अगर ईरान हम पर किसी भी तरह से हमला करता है, तो अमेरिकी सेना पूरी ताक़त के साथ उन पर इस लेवल पर हमला करेगी.
डॉनल्ड ट्रंप ने आगे लिखा,
हालांकि, हम आसानी से ईरान और इज़राइल के बीच एक समझौता करवा सकते हैं. और इस खूनी संघर्ष को समाप्त कर सकते हैं.
ईरान-इज़रायल संघर्ष में लेटेस्ट अपडेट ये है कि ईरानी हमले में इज़रायल में कम से कम 10 लोग मारे गए हैं. जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं. रॉयटर्स की ख़बर के मुताबिक़, अधिकारियों ने बताया कि इज़रायली बचाव दल की तलाशी जारी है. इसके लिए हमलों में नष्ट हुए आवासीय भवनों के मलबे में टॉर्च और खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है.
इस बीच, इज़रायली सेना ने ईरानी हथियार प्रतिष्ठानों के पास रहने वाले लोगों को वहां से निकल जाने की चेतावनी दी है. जबकि इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि आने वाले दिनों में ईरान जो देखेगा, उसकी तुलना में इज़रायल द्वारा अब तक किए गए हमले कुछ भी नहीं हैं.
इधर ईरान ने कहा है कि इज़रायल के अभियान के पहले दिन वहां 78 लोग मारे गए थे. दूसरे दिन ये संख्या उससे ज़्यादा ही रही. जिसमें तेहरान में एक 14 मंजिला अपार्टमेंट के मिसाइल हमले में 60 लोग मारे गए थे. जिसमें 29 बच्चे भी शामिल थे.
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा कि शुक्रवार को शुरू हुए इजरायल के हमलों का मकसद अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता को विफल करना था. जो रविवार, 15 जून को ओमान में फिर से शुरू होनी थी और जिसे अब रद्द कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इज़रायल के हमलों को अमेरिका का समर्थन प्राप्त था और ईरान केवल आत्मरक्षा में काम कर रहा है.
ईरानी विदेश मंत्री ने पहले कहा था कि ओमान वार्ता तब तक नहीं हो सकती, जब तक ईरान पर इज़रायल के ‘बर्बर’ हमले जारी रहेंगे. ईरान ने 15 जून को ओमान में होने वाली अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता रद्द कर दी है.
वीडियो: ईरान ने देर रात इजरायल पर किया मिसाइल हमला, पूरा देश मिसाइलों के निशानों पर