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ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई को मारना चाहता था इजरायल, ट्रंप ने रोक दिया

Israel ने अमेरिकी अधिकारियों को बताया कि उसके पास ईरान के सुप्रीम लीडर Ayatollah Ali Khamenei को मारने का अवसर है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने इस योजना को मंजूरी नहीं दी.

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डॉनल्ड ट्रंप ने खामनेई को मारने की इजरायली योजना को वीटो कर दिया है. (Reuters)

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई की हत्या की इजरायली योजना को वीटो कर दिया है. ये दावा दो अमेरिकी अधिकारियों की ओर से आया है. एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अभी तक ईरान ने किसी अमेरिकी नागरिक को निशाना नहीं बनाया है. जब तक वो ऐसा नहीं करते तब तक अमेरिका उनके राजनीतिक नेतृत्व पर हमले के बारे में नहीं सोचेगा.

नाम नहीं बताने की शर्त पर अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए उस पर बड़े पैमाने पर हमला करने के बाद से शीर्ष अमेरिकी अधिकारी इजरायली अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं.

उन्होंने बताया कि इजरायली पक्ष की ओर से बताया गया था कि उनके पास ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई को निशाना बनाने का मौका मिला है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने इस योजना की मंजूरी नहीं दी. अमेरिकी अधिकारियों ने ये तो साफ नहीं किया कि ये मैसेज खुद ट्रंप ने दिया या नहीं. लेकिन ये बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं.

फॉक्स न्यूज चैनल ने 15 जून को एक इंटरव्यू में जब बेंजामिन नेतन्याहू से जब रॉयटर्स की इस रिपोर्ट के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, 

ऐसी बहुत सी झूठी रिपोर्ट्स हैं जिनमें ऐसी बातचीत के बारे में लिखा जाता है जो कभी हुई ही नहीं. मैं उनमें नहीं पड़ना चाहता. लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि हम वही करेंगे जो हमें करना चाहिए. मुझे लगता है कि अमेरिका को पता है कि उसके लिए क्या अच्छा है.

फॉक्स न्यूज के साथ एक और इंटरव्यू में नेतन्याहू ने दावा किया कि इजरायल के सैन्य अभियान के चलते ईरान में सत्ता परिवर्तन हो सकता है. उन्होंने इस बात की भी पुष्टि कर दी कि हमलों से पहले उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को सूचित कर दिया था.

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ईरान अमेरिकी हितों को निशाना बनाता है तो अमेरिकी सशस्त्र बलों पूरी ताकत के साथ उन पर हमला करेंगे.

ईरान ने कथित तौर पर ये धमकी दी थी कि अगर इजरायल पर उनके हमले को रोकने का प्रयास किया गया तो वह उस क्षेत्र में स्थित अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के सैन्य ठिकानों और जहाजों को निशाना बनाएगा. डॉनल्ड ट्रंप की चेतावनी इस धमकी के बाद आई है. ईरान को चेतावनी देने के साथ-साथ राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया,

 हम आसानी से ईरान और इजरायल के बीच समझौता करा सकते हैं. और इस खूनी संघर्ष को समाप्त कर सकते हैं. 

इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगान ने 15 जून को डॉनल्ड ट्रंप के साथ फोन पर बातचीत की है. इस बातचीत में उन्होंने ईरान और इजरायल के बीच मध्यस्थता की पेशकश की.

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 इजरायली हमले में ईरान के कई टॉप साइंटिस्ट्स और जनरल्स की भी मौत हो चुकी है. इन हमलों में ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के कमांडर इन चीफ हुसैन सलामी, IRGC के खातम-अल अंबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर के चीफ घोलमाली रशीद, न्यूक्लियर साइंटिस्ट फेरेदून अब्बासी, न्यूक्लियर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर अहमद रेजा जोलफागरी और अब्दुल हमीद मिनौचेहर और तेहरान में आजाद यूनिवर्सिटी के चीफ मोहम्मद मेहदी तेहरानची जैसे बड़े नामों की मौत हो चुकी है. 

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