The Lallantop

Anantnag attack: 2 महीने की बेटी के पिता DSP हुमायूं भट्ट नहीं रहे, पिता IG रहे हैं...

Jammu and Kashmir के Anantnag जिले में 13 सितंबर को सुरक्षा बलों की आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हुई. इसमें कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनौक और जम्मू-कश्मीर के DSP हुमायूं भट्ट वीरगति को प्राप्त हुए.

Advertisement
post-main-image
DSP हुमायूं भट्ट के पिता गुलाम हसन भट्ट जम्मू-कश्मीर पुलिस विभाग में IG के पद से रिटायर हुए हैं. (फोटो क्रेडिट - X)

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ (Anantnag terrorist attack) में सुरक्षा बलों के 3 अधिकारियों की मौत हो गई है. 13 सितंबर की देर रात अनंतनाग (Anantnag) जिले के कोकेरनाग इलाके में ये मुठभेड़ हुई.

Advertisement

इस मुठभेड़ में कर्नल मनप्रीत सिंह (Colonel Manpreet Singh), मेजर आशीष धोनौक (Major Ashish Dhonauk) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं मुज़म्मिल भट्ट (DSP Humayun Bhatt) गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें तुरंत श्रीनगर एयरलिफ्ट किया गया. लेकिन यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

Advertisement

ये भी पढ़ें - शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की परिवार से आखिरी बात भावुक कर देगी

न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक, DSP हुमायूं भट्ट की हाल ही में शादी हुई थी. उनकी 2 महीने की बेटी भी है. पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने सुरक्षा बलों के अधिकारियों के शहीद होने पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनौक और रिटायर्ड IG गुलाम हसन भट्ट के बेटे DSP हुमायूं भट्ट के जाने से बहुत दुखी हूं.

DSP हुमायूं भट्ट के पिता थे IG

PTI ने DSP हुमायूं भट्ट के अंतिम संस्कार का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया. इसमें उनके पिता गुलाम हसन भट्ट नज़र आ रहे हैं. वे भी जम्मू-कश्मीर के पुलिस विभाग में काम कर चुके हैं. वे बतौर महानिरीक्षक (IG) पद से रिटायर हुए हैं.

Advertisement

ये भी पढ़ें - अनंतनाग में हमला, आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फेंका ग्रेनेड

जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी 13 सितंबर को बड़गाम में हुए DSP हुमायूं भट्ट के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. उन्होंने इस मुठभेड़ में हुई अधिकारियों की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी इस बारे में पोस्ट किया. उन्होंने लिखा,

"अनंतनाग में आतंकवाद विरोधी अभियान में वीरगति को प्राप्त हुए DSP हुमायूं भट्ट को श्रद्धांजलि दी. मैं कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धोनौक के अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को सलाम करता हूं. दुख की इस घड़ी में पूरा देश उनके परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा है."

एक बार फिर शुरू हुआ ऑपरेशन

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लश्कर-ए-तैयबा के एक शेडो ग्रुप माने जाने वाले रजिस्टेंस फ्रंट ने इसकी जिम्मेदारी ली है. भारत सरकार रजिस्टेंस फ्रंट पर प्रतिबंध लगा चुकी है. सेना के अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि ये ऑपरेशन 13 सितंबर की शाम से शुरू हुआ था. देर रात इसे बंद कर दिया गया.

14 सितंबर की सुबह एक बार फिर आतंकवादियों को ढूंढने के लिए ऑपरेशन की शुरुआत की गई है. सेना को उनके एक ठिकाने पर छिपे होने की सूचना मिली है. 

ये भी पढ़ें - मेजर आशीष ढोंचक की कहानी, इसी 15 अगस्त को मिला था मेडल

वीडियो: कश्मीर: दिन-दहाड़े हत्या करने वाले लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों को पुलिस ने कैसे मार गिराया?

Advertisement