इजरायल (Israel) के साथ जारी जंग के बीच ईरान (Iran) ने अपने नागरिकों से फोन से वॉट्सऐप डिलीट करने का अनुरोध किया था. ईरान के स्टेट ब्रॉडकास्टर ने दावा किया कि 'मैसेजिंग एप' यूजर की जानकारी इकट्ठा करके इसे इजरायल को भेज रहा है. हालांकि वॉट्सऐप (WhatsApp) ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
ईरान को वॉट्सऐप ने दिया जवाब, ऐप पर लगा था इजरायल के लिए जासूसी का आरोप
Iran के State Broadcasters ने whatsApp पर अपने नागरिकों का डेटा एक्सेस करके Israel से शेयर करने का आरोप लगाया था. ईरान के इन आरोपों को लेकर whatsApp की सफाई सामने आई है.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक,
ईरान के सरकारी टेलीविजन नेटवर्क ने दावा किया कि वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम यूजर्स के पर्सनल डेटा (लास्ट नोन लोकेशंस और कम्युनिकेशन) कलेक्ट करके उन्हें इजरायल के साथ शेयर कर रहा है. हालांकि ईरान ने अपने दावों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है.
वॉटसएप ने 17 जून को एक बयान जारी कर ईरान के दावों को खारिज कर दिया है. उन्होंने बताया,
हमें चिंता है कि ये झूठी रिपोर्ट्स हमारी सर्विसेज को ब्लॉक करने का बहाना बन रही हैं, वो भी एक ऐसे समय में जब लोगों को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है. एप पर भेजे गए सभी मैसेज एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं. वॉट्सऐप यूजर्स की रियल टाइम लोकेशन को ट्रैक नहीं करता है. और ना ही इस बात का लॉग रखता है कि कौन किसको क्या मैसेज भेज रहा है.
ईरान के अधिकारियों के मुताबिक इजरायल के साथ युद्ध के चलते इंटरनेट को अस्थायी तौर पर बैन किया गया है. इसके चलते लोगों को कई साइट्स और एप्स को एक्सेस करने में मुश्किल आ रही है. ईरान के अधिकारियों ने 17 जून को जनता से इंटरनेट से जुड़े डिवाइसेज का कम से कम प्रयोग करने और ऑनलाइन सावधानी बरतने की अपील की है.
ईरान ने अपनी सुरक्षा के लिए सिविल सर्वेंट्स और अपनी सिक्योरिटी टीम को इजरायल के हवाई हमले के दौरान स्मार्टफोन, घड़ियों और लैपटॉप समेत किसी भी कनेक्टेड डिवाइस का उपयोग करने से बैन कर दिया है.
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इससे पहले 2022 में महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद जब ईरान में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, उस समय भी ईरान ने वॉट्सऐप सहित कई एप और ऑनलाइन सर्विसेज को ब्लॉक कर दिया था.
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