गांव में हमारी ताईजी थीं. उम्र में बड़ी थीं, लेकिन नाम उनका मुन्नी थी. छोटी-छोटी बात पर कान ऐंठ देतीं. किसी से शिकायत करने पर भी कोई सॉल्यूशन न मिल पाता. तब हमारे काम आए एक बाबा. बाबा की कृपा हम पर ये रही कि वो एक भजन हमें सौंप गए. भजन के बोले थे,
ओ मेरी मुन्नी, मुन्नी मुन्नी बेबी
छोटी उम्र बड़ी बड़ी अदा.... https://www.youtube.com/watch?v=t12se4b5kgc बाबा का असल नाम बड़ा मुश्किल था, पर शक्ल याद रखनी आसान थी. गुद्दी की मेड़ों पर जुओं के लिए नालियां बनी हुई थीं. बचपन की नासमझी में जो एक गलती हुई वो ये कि हम इन बाबा रेमो फर्नांडिज को बाबा सहगल समझ बैठे. शक्ल सेम सेम होने का कंफ्यूजन हमें खा गया. हम कुल मिलाकर बाबा सहगल के फैन हो गए. बचपने की एक लंबी उम्र इस गाने को हमने बाबा सहगल का समझा. रेमो फर्नांडिज लुप्त हो गए. बाबा सहगल आ गए, हमरी अंखियों में छा गए. हनी सिंह जब 10 बरस के थे और घर, स्कूल में हिर्देश नाम से पुकारे जा रहे थे. तब बाबा सहगल इंडिया के पहले रैपर बन चुके थे. तब खोपड़ी के बाल गझिन थे. इंडीपॉप नाम की कला को आगे ले जा रहे थे. कैसेट खरीदकर गाने सुनने वाले 'ठंडा-ठंडा पानी, आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा' सुने जा रहे थे. आगे बाबा सहगल की कहानी भी वैसे बढ़ी, जैसे स्टार्स की बढ़ती है. अवरोही क्रम में, बड़े से छोटे की तरफ. इस बीच की कहानी हम बाद में बताएंगे, पहले भागकर 2016 में आ जाते हैं.

बाबा इज बैक. अपने गानों की तुकबंदी सेट करते हुए बाबा सहगल डोनाल्ड ट्रंप के सपोर्टर बनकर लौटे हैं. जैसे उड़ता पंजाब का उड़ता तीर चूमने वाले प्रहलाज निहलानी ने मोदी को समर्पित एक वीडियो बनाया था. ठीक वैसे ही बाबा सहगल डोनाल्ड ट्रंप के लिए गाना लाए हैं. सॉन्ग का नाम है
ट्रंप का मैनिया. पहले ये भजन पढ़िए. फिर सुनिए, आगे की बात इसके बाद करेंगे.
'एवरीबडी बोलें ट्रंप पम पम पम पम
ट्रंप बोले वोट करो कम कम कम कम
नॉमिनी है US के राष्ट्रपति का
दीवाना है फ्रूट में नाशपाती का
न्यूयॉर्क शिकागो ऑरलैंडो में
लोग खड़े हैं घर के वेरांडो में ट्रंप का मैनिया फ्रॉम मुंबई टू केन्या
भाषण सुनने चले उसका सारे कैलिफॉर्निया कभी वो सीरियस कभी वो जोके
नेवर नेवर डज एनीथिंह इन लो की
कमेंट तो ऐसे मारे पेंट उतार दे
हिलेरी से कभी उसकी पटती नहीं
कुर्सी से नजर भी हटती नहीं
कुछ न कुछ करता रहता है ड्रामा
अपसेट है डोनाल्ड से थोड़ा ओबामा लूसियाना से पंजू बॉस्टन से बोंग
रैली उसकी डे बाय डे इज गैटिंग स्ट्रॉन्ग
जीके और आईक्यू में उसकी बल्ले बल्ले
हेटर्स की बोले तो उससे जले जले
बंदा बिलिनियर है, लोगों का डियर है
आई डोंट थिंक बेबी उसको किसी का भी फियर है न्यूज में हमेशा बने रहना उसको आता है
गुड फोर हिम हमारे बाप का क्या जाता है ट्रंप का मैनिया फ्रॉम मुंबई टू केन्या
भाषण सुनने चले उसका सारे कैलिफॉर्निया'
https://www.youtube.com/watch?v=NPQeQpuyel0 गाने के शुरुआती सेकेंड्स में चर्बीयुक्त एक बुजुर्ग टोपी धारण कर आते हैं. शरीर को रैप करने की टोन में हिलाते डुलाते हैं. फिर अलग हो लेते हैं. अब बात बाबा सहगल की. 1965 की 23 नवंबर तारीख थी. लखनऊ में बेबी बाबा पैदा हुए. कहलाए हरजीत. इंजीनियरिंग की. फिर कई एलबम दिलरुबा, अलीबाबा, ठंडा-ठंडा पानी, मैं भी मैडोना, डबल गड़बड़ आदि इत्यादि. एमटीवी इंडिया में इनके गाने खूब सुने गए. लेकिन बाद में नई जेनरेशन के लोग आए और अवरोही क्रम सिद्धांत सच हुआ. बाबा सहगल का स्टारडम घटता गया. बिग बॉस के पहले सीजन में आए. कुछ वक्त डीडी के टीवी शो सुपरहिट मुकाबला शो भी होस्ट किया. जैकी श्रॉफ की भूत अंकल का म्यूजिक दिया. 1998 में मिस 420 में एक्टिंग की, लेकिन चल नहीं पाए. सब टीवी पर आने वाले गुजनी चली जलंधर में एक छोटे रोल में नजर आए. बहरहाल, जब अपने
मुलुक में डोनाल्ड ट्रंप के लिए हवन हो रहे हैं, सब ट्रंप की नैया में सवार होकर पब्लिसिटी पाए जा रहे हैं. बाबा सहगल भी सवार हो गए हैं. गाने के बोल अच्छे या बुरे हैं, इसको छोड़िए. यूट्यूब पर हिट हो रहा है. यानी ट्रंप की गाड़ी पर बाबा सहगल सवार हो गए हैं. उनका एक गाना याद आ रहा है. आखिर में बाबा के समाज को समर्पित दो गाने याद आ रहे हैं. हम यहां सटाए दे रहे हैं. सुन लीजिए.गानों के बोल हैं:
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लड़की बन ठन के निकली: इस गाने को गाते हुए अपनी कल्लाती पीठ याद आ रही है, जब इस गाने को गाने पर हमारी घर में कुटाई हो जाती थी.
https://www.youtube.com/watch?v=LiomI4laUxk
2. आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा: अनु मलिक का भी योगदान है इस गाने में. रीडर, लिस्नर अपनी जान और माल की रक्षा स्वयं करें.
https://www.youtube.com/watch?v=7aF0qsGEi-g