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पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की 15 साल पहले हत्या हुई थी, पांचों आरोपियों का क्या हुआ?

इंडिया टुडे ग्रुप की पत्रकार रहीं सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में 15 साल बाद फैसला आ गया है. दिल्ली के साकेत कोर्ट ने इस मामले में पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया है.

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सौम्या विश्वनाथन 30 सितंबर 2008 को दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में अपनी कार में मृत पाई गई थीं.(फोटो क्रेडिट - इंडिया टुडे)

इंडिया टुडे ग्रुप से जुड़ी रहीं पत्रकार सौम्या विश्वनाथन (Soumya Vishwanathan) की हत्या के आरोपियों को दोषी ठहराया गया है. 15 साल पहले दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में उनकी हत्या कर दी गई थी. अब साकेत कोर्ट ने 18 अक्टूबर को इस मामले में अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सभी पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया है.

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साकेत कोर्ट अब 26 अक्टूबर को उनकी सजा पर सुनवाई करेगा. सौम्या की हत्या के मामले में रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद फरवरी 2010 में इस मुकदमे की शुरुआत हुई. ये सभी आरोपी मार्च 2009 से न्यायिक हिरासत में हैं.  आखिर क्या था ये मामला, जिसने 2008 में पूरी दिल्ली को दहला दिया था?

पत्रकार सौम्या विश्वनाथन 30 सितंबर 2008 को अपनी कार में मृत पाई गई थीं. ये कार दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में मिली थी. शुरुआत में माना जा रहा था कि वे कार एक्सीडेंट में मारी गई हैं. लेकिन फॉरिन्सिक रिपोर्ट में सामने आया कि सिर पर गोली लगने से उनकी मौत हुई है. इसके बाद मामले में हत्या की जांच शुरू हुई.

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इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने अपनी जांच में बताया कि वे 30 सितंबर की देर रात अपने कार्यालय से वापस घर लौट रही थीं. पुलिस को शक था कि किसी ने सौम्या की गाड़ी का पीछा किया. लेकिन गोली किसी और गाड़ी से चलाई गई.  CCTV फुटेज से पता चला एक कार सौम्या का पीछा कर रही थी.

7 साल तक लटका रहा फैसला

इस मामले की जांच के लिए मुंबई से क्राइम ब्रांच की टीमों को बुलाया गया था. फिर वारदात की जगह पर और तलाशी ली गई. ताकि ज्यादा सबूत जुटाए जा सकें. इसके बाद मार्च 2009 में एक अलग मामले में पुलिस ने दो संदिग्धों रवि कपूर और अमित शुक्ला को गिरफ्तार किया. उन पर कॉल सेंटर एग्जीक्यूटिव जिगीशा घोष की हत्या करने का आरोप था. 

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रवि कपूर और अमित शुक्ला ने पूछताछ में सौम्या की हत्या करने को भी कबूल किया था. उन्होंने कहा था कि ये उनके लिए एक थ्रिल था. इनसे पूछताछ के बाद बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को भी गिरफ्तार किया गया था. जांच में ये भी पता चला कि CCTV फुटेज में दिखाई दी कार दोनों हत्याओं में इस्तेमाल की गई थी.

जून 2010 में दिल्ली पुलिस ने सौम्या विश्वनाथन की हत्या के लिए रवि कपूर और अमित शुक्ला के साथ 2 और संदिग्धों बलजीत मलिक और अजय सेठी के खिलाफ चार्जशीट दायर की. इस मामले की सुनवाई 16 नवंबर 2010 को साकेत कोर्ट में शुरू हुई. इसके 6 साल बाद 19 जुलाई 2016 को साकेत कोर्ट ने अपनी सुनवाई पूरी की. लेकिन अपना फैसला अगली सुनवाई के लिए सुरक्षित रखा. तब से किसी न किसी कानूनी जटिलता के चलते फैसले को कई बार टाला गया था.

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