राजस्थान के सीकर में नौ साल की बच्ची को थोड़े समय के भीतर दो बार हार्ट अटैक आए जिससे उसकी मौत हो गई. बच्ची का नाम प्राची कुमावत बताया जा रहा. वो घटना के वक्त अपना टिफिन ही खोल रही थी कि उसे हार्ट अटैक आ गया. बच्ची जमीन पर गिर गई और उसका खाना वहीं बिखर गया. स्कूल के स्टाफ ने उसे तुरंत कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पहुंचाया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे बड़े अस्पताल रेफर किया गया. लेकिन रास्ते में ही बच्ची को दोबारा हार्ट अटैक आ गया जिससे उसकी मौत हो गई.
9 साल की बच्ची की डबल हार्ट अटैक से मौत, स्कूल में गिरी, जान एंबुलेंस में गई
स्कूल के प्रिंसिपल नंद किशोर ने बताया कि सभी बच्चे लंच कर रहे थे. इसी दौरान प्राची ने अचानक अपना लंच बॉक्स गिरा दिया और वो जमीन पर गिर पड़ी. वे सभी उस समय स्कूल ग्राउंड में ही थे. वे तुरंत उसे अस्पताल ले गए. लेकिन बच्ची को बचाया नहीं जा सका.
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इंडिया टुडे से जुड़े सुशील जोशी की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना सीकर के दांताराम गढ़ की है. प्राची यहीं के आदर्श विद्या मंदिर में चौथी क्लास में पढ़ाई करती थी. मंगलवार 15 जुलाई की सुबह 11 बजे स्कूल में लंच हुआ. इसी दौरान प्राची को पहला आर्ट अटैक आया.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल के प्रिंसिपल नंद किशोर ने बताया, “सभी बच्चे लंच कर रहे थे. इसी दौरान प्राची ने अचानक अपना लंच बॉक्स गिरा दिया और वो जमीन पर गिर पड़ी. हम सभी उस समय स्कूल ग्राउंड में ही थे, इसलिए हमने तुरंत उसे अस्पताल ले गए.”
उन्होंने आगे बताया, “आमतौर पर बच्चों के बेहोश होने पर पानी पिलाने से वो ठीक हो जाते हैं, लेकिन प्राची की हालत अलग थी. इसलिए उसे तुरंत पास के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (CHC) ले जाया गया, जो स्कूल से महज 500 मीटर की दूरी पर है.”
CHC में प्राची का इलाज शुरू हुआ, जहां शुरुआत में उसकी हालत में कुछ सुधार भी हुआ. लेकिन डॉक्टरों ने स्थिति को गंभीर मानते हुए बच्ची को सीकर के सरकारी अस्पताल श्री कल्याण अस्पताल रेफर कर दिया. नंद किशोर ने बताया, "दोपहर करीब 12:15 बजे प्राची को सरकारी एंबुलेंस से रवाना किया गया. लेकिन रास्ते में ही उसे दोबारा अटैक आ गया. करीब 1:30 बजे हमें प्राची की मौत की सूचना मिली."
वहीं CHC के डॉ. आर.के. जांगिड़ ने बताया, "प्रथम दृष्टया बच्ची को हार्ट अटैक आया था. स्कूल में ही उसे अचानक कार्डियक अरेस्ट हुआ." उन्होंने बताया कि बच्ची का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया गया है, लेकिन CHC के डॉक्टरों ने इसे हार्ट अटैक मानते हुए उसका इलाज किया था. इससे प्राची की हालत थोड़ी देर के लिए सुधरी थी. उन्होंने आगे बताया, “हमने उसे ऑक्सीजन दी और कार्डियक रेसिस्टेशन किया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्ची की मौत हो गई.”
डॉ. जांगिड़ ने यह भी स्पष्ट किया कि प्राची को जन्म से हृदय रोग या दिल से जुड़ी किसी बीमारी की कोई शिकायत नहीं थी. वहीं बच्ची के स्कूल प्रिंसिपल नंद किशोर ने कहा, “प्राची बहुत होशियार थी. उसे 40 तक पहाड़े याद थे. वो हमेशा मुस्कुराती रहती, डांटने पर भी हंसती थी.”
प्राची के पिता गुजरात में एक प्राइवेट ऑफिस में काम करते हैं. मंगलवार शाम करीब 4 बजे उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.
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