इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में राकेश झुनझुनवाला. (फोटो-इंडिया टुडे)
राकेश झुनझुनवाला. शेयर बाज़ार का बड़ा नाम. शेयर बाज़ार की भाषा में कहें तो ‘बिग बुल’. झुनझुनवाला 5 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पहुंचे थे. अब हुआ ये कि प्रधानमंत्री के साथ उनकी मुलाकात वाली फोटो हो गई वायरल. इसे लेकर लोगों ने कई सारे सवाल पूछने शुरू कर दिए. किसी ने तस्वीर में प्रधानमंत्री के खड़े रहने और झुनझुनवाला के बैठे होने पर सवाल उठाया तो किसी ने पूछा कि प्रधानमंत्री एक स्टॉक ब्रोकर से क्यों मिले.
पहले सवाल के बारे में हम आपको पहले भी बता चुके हैं.
वो आप इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं. दूसरे सवाल का जवाब दिया खुद राकेश झुनझुनवाला ने. दरअसल शुक्रवार 8 अक्टूबर को राकेश झुनझुनवाला इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (India Today Conclave 2021) में पहुंचे थे. यहां उन्होंने खुद को 'स्टॉक ब्रोकर' बताने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वो हर साल सरकार को 15 लाख डॉलर यानी करीब 11 करोड़ 25 लाख रुपए का ब्रोकरेज देते हैं. कॉन्क्लेव में शिरकत करते हुए झुनझुनवाला बोले,
मैं एक ब्रोकर नहीं हूं बल्कि सरकार को हर साल 11.25 करोड़ रुपए का ब्रोकरेज देता हूं. रहा सवाल प्रधानमंत्री से मुलाकात करने का तो ये बात आपको प्रधानमंत्री से पूछनी चाहिए कि वो मुझसे क्यों मिले.
प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के बाद राकेश झुनझुनवाला की शर्ट पर भी खूब चर्चा हुई. दरअसल प्रधानमंत्री के साथ तस्वीर में उनकी शर्ट तुड़ी-मुड़ी नजर आ रही है. इस पर राकेश झुनझुनवाला ने कहा,
सच तो ये है कि वो शर्ट ही ऐसी थी. मैंने इस्त्री कराई थी 600 रुपए लगाकर. इसके बाद भी उसमें सिलवटें पड़ गईं तो मैं क्या कर सकता हूं? मुझे इससे क्या फर्क पड़ता है? मैं तो ऑफिस भी शॉर्ट्स पहनकर जाता हूं.
झुनझुनवाला ने कहा कि लोग धड़ल्ले से शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे हैं. ऐसे लोगों को मेरी सलाह है कि वे खुद का पैसा ट्रेडिंग में लगाएं. उन्होंने कहा,
पहली चीज जो मैं लोगों को बताता हूं वो ये कि खुद कमाके ट्रेड करो. खुद कमाकर इन्वेस्ट करो. ताकि पैसे की अहमियत पता चले. बाप का पैसा और ससुर का पैसा मत इन्वेस्ट करो.
राकेश झुनझुनवाला ने शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव पर भी बात की. कहा कि जिस तरह से दूसरे कामों में रिस्क है उसी तरह से शेयर बाजार में भी रिस्क है. राकेश ने कहा,
बाजार में उतार-चढ़ाव से डरने की जरूरत नहीं है. बाजार में गिरावट से डरने की जरूरत नहीं है. क्योंकि यही बाजार पिछले साल गिरकर साढ़े सात हजार पर पहुंच गया था और यही बाजार अभी साढ़े 17 हजार पर है.
वहीं, भारत की अर्थव्यवस्था के संदर्भ में उन्होंने कहा,
लोग कहते हैं कि हमारा टाइम आएगा. लेकिन मैं कहता हूं कि हमारा टाइम आ गया है. कोरोना एक फ्लू है, कैंसर नहीं.
झुनझुनवाला ने कहा कि वो अभी भी भारतीय बाजार को लेकर बुलिश हूं, इसलिए गिरावट को लेकर चिंतित नहीं हैं. बताया कि वो कोरोना काल से ही लोगों को कह रहे हैं कि बाजार में पैसे लगाओ, लेकिन कोई उनकी मानता ही नहीं.