पंजाब की कई ग्राम पंचायतों ने परिवार के कम से कम एक सदस्य को दिल्ली में चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कहा है.
कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसान 26 नवंबर, 2020 से दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं. सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर ये आंदोलन चल रहा है. इन तीनों जगहों पर कई राज्यों के किसान भी मौजूद हैं. पंजाब के हर गांव से लोग और ट्रैक्टर्स इस आंदोलन में शामिल हैं. गांव-गांव में लोगों से इस संबंध में अपील भी की जा रही है. पंजाब की कई ग्राम पंचायतों ने परिवार के कम से कम एक सदस्य को आंदोलन के लिए दिल्ली भेजने का फैसला किया है. बठिंडा जिले की विर्क खुर्द गांव की पंचायत ने गांव के लोगों के लिए लिखित आदेश दिया. हर घर से एक सदस्य को एक सप्ताह के लिए सीमा पर भेजने का निर्देश जारी किया गया. विर्क खुर्द गांव की सरपंच मनजीत कौर ने कहा,
अफवाहें फैल रही थीं कि 26 जनवरी की घटना के बाद आंदोलन खत्म होने वाला है. हमारा फैसला ऐसी अफवाहों पर विराम लगाएगा. हमने प्रति परिवार एक सदस्य को दिल्ली की साइटों पर जाना और वहां कम से कम 15 दिन बिताना अनिवार्य कर दिया है. ऐसा करने में विफल रहने वालों पर 1,500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पंजाब की और कई ग्राम पंचायतों ने अपने लोगों को दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए कहा है. ऐसा नहीं करने पर उन पर जुर्माना लगाने की बात कही गई है. मालवा क्षेत्र के कम से कम पांच ग्राम पंचायतों ने इस तरह के रेजुलेशन पास किए हैं. जिसमें कहा गया है कि परिवार के कम से कम एक सदस्य को एक हफ्ते के लिए प्रदर्शन करने दिल्ली जाना होगा. इस तरह का रेजुलेशन पास करने वाली पंचायतों का कहना है कि लोगों को आंदोलन में शामिल होने के लिए मोटिवेट करना है. बठिंडा जिले के करारवाला गांव के सरपंच अवतार सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा,
पूरे गांव ने आंदोलन का समर्थन किया है. गांव वालों ने फैसला किया है कि अगर किसी परिवार का एक भी सदस्य आंदोलन के लिए दिल्ली नहीं जाता है तो उस परिवार को पंचायत को 2100 रुपए देने होंगे. लोगों से कहा गया है कि वे किसी गलत काम में शामिल ना हों और शराब पीकर परेशानी न खड़ी करें. अगर कोई इस तरह की गतिविधि में शामिल होता है तो उसे 5100 का जुर्माना देना होगा.
उन्होंने बताया कि 26 लोगों का पहला जत्था उनके गांव से 30 जनवरी को दिल्ली के लिए निकल गया. वे वहां एक हफ्ते रहेंगे. इसके बाद दूसरा जत्था जाएगा. फरीदकोट जिले के कोटकपुरा ब्लॉक के सीवियन गांव के सरपंच करनैल सिंह ने अखबार को बताया,
गांव वालों ने मिलकर फैसला किया है कि हर घर से एक व्यक्ति को प्रदर्शन में जाना चाहिए. ऐसा नहीं करने वाले परिवार से 500 रुपए का जुर्माना लिया जाएगा. इस पैसे का इस्तेमाल प्रदर्शन के काम में ही होगा.
वेस्ट यूपी में भी पंचायत के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ने लगी है. इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने 12 लेयर की बैरिकेडिंग की है. किसान नेताओं ने आंदोलन को और तेज करने की बात कही है. इसके बाद बड़ी संख्या में लोग गाजीपुर बॉर्डर आ रहे हैं.