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देश में पाया गया ओमिक्रॉन वेरिएंट का तीसरा मरीज

दो दिन पहले ही जिम्बाब्वे से गुजरात आया था.

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सांकेतिक तस्वीर-PTI
गुजरात  (Gujarat) में एक व्यक्ति कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमित पाया गया है. इसके साथ ही भारत में कोरोना के नए वेरिएंट से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या तीन हो गई है.ओमिक्रोन से संक्रमित यह व्यक्ति दो दिन पहले ही जिम्बॉब्वे (Zimbabwe) से गुजरात आया था. फिलहाल उसे अस्पताल में क्वारंटीन कर दिया गया है. आजतक की गोपी घांघर के मुताबिक गुजरात के जामनगर (Jamnagar) में 72 वर्षीय बुजुर्ग कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं. राज्य के स्वास्थ्य आयुक्त जय प्रकाश शिवहरे ने इस बात की पुष्टि की है. गुरुवार, दो दिसंबर को कोविड-19 टेस्ट के बाद बुजुर्ग व्यक्ति का नमूना जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) के लिए भेजा दिया गया था. इस बुजुर्ग को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं. अब तक इनके संपर्क में 10 लोग आ चुके हैं, जांच के लिए इन सभी के सैंपल लिए गए हैं. फिलहाल सभी को क्वारंटीन कर दिया गया है. सभी की  रिपोर्ट का इंतजार है. वहीं ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्ति को जामनगर के एक अस्पताल में ही आइसोलेशन में रखा गया है. अच्छी बात ये है कि उनकी हालात स्थिर है. गुजरात के इस नए मामले को मिलाकर अब तक देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के तीन मामले सामने आ चुके हैं. इससे पहले कर्नाटक (Karnataka) से दो मामले सामने आए थे. इनमें से एक दक्षिण अफ्रीकी नागरिक है. वहीं दूसरे एक डॉक्टर हैं. कर्नाटक सरकार का कहना है कि दोनों मरीजों को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है. लेकिन सरकार के इस दावे के कुछ देर बाद ही बेंगलुरु महानगर पालिका ने बयान जारी कर एक चौंकने वाला खुलासा किया. महानगर पालिका ने दावा किया कि 20 नवंबर को भारत आया ये 66 वर्षीय दक्षिण अफ्रीकी यात्री 27 नवंबर को ही देश से जा चुका है. अब तक इसके संपर्क में कुल 266 लोग आए हैं, जबकि इनमें से किसी में भी कोरोना की पुष्टि नहीं हुई. इसके अलावा जो डॉक्टर ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए गए हैं उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. इनके संपर्क में आए पांच लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है. हालांकि ये पांच लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. बिना ट्रैवल हिस्ट्री के नए वेरिएंट से संक्रमित पाए जाने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि डॉक्टर कैसे संक्रमित हो गए. इसे लेकर  AIIMS के इंटरनल मेडिसिन के डॉक्टर संजीव का कहना है,
इस मामले में कई संभावनाएं हैं. जिस तरह से वायरस अपना रूप बदल रहा है ऐसा संभव है कि दक्षिण अफ़्रीका और दुनिया के कई देशों की तरह, भारत में इस वायरस का म्यूटेशन हुआ हो. लेकिन इसकी पुष्टि तब ही हो सकती है जब दक्षिण अफ़्रीका और अन्य देशों में हुए जीनोम सीक्वेंसिंग के परिणामों को भारत में हुए परिणामों से मैच करके देखा जाए. उससे पहले कुछ भी कह पाना मुश्किल है.
वो आगे बताते हैं कि ऐसा भी संभव है कि कई लोग इस ओमिक्रॉन वेरिएंट से ग्रसित हों, लेकिन उनमें विशेष लक्षण न हों. उन्होंने कहा,
ये भी संभव है कि कई लोग पहले से ही इस ओमिक्रॉन वेरिएंट से ग्रसित हों. लेकिन उनके लक्षण ज़्यादा प्रभावी न हों. ऐसे ही किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से डॉक्टर संक्रमित हुए हों, जैसा कि पहली लहर के दौरान हुआ था. कई कम लक्षण वाले लोगों से हज़ारों लोग संक्रमित हुए थे.”
डॉ. संजीव ये भी कहते हैं कि जब तक एक बड़ी आबादी इस वेरिएंट का शिकार नहीं होती और दुनिया भर से कुछ आंकड़े और शोध की जानकारी नहीं मिल जाती, इस वेरिएंट पर कुछ भी कह पाना जल्दबाज़ी होगी.

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