रूस गए भारतीयों को यूक्रेन के खिलाफ जंग में धकेलने की खबरों के बीच एक भारतीय नागरिक की मौत की जानकारी सामने आई है. हैदराबाद के रहने वाले मोहम्मद असफान की रूस में मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि असफान को नौकरी का झांसा देकर रूसी सेना में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था. असफान की मौत कब हुई, ये अभी साफ नहीं हो पाया है.
रूसी सेना में जबरन धकेले गए भारतीय की मौत हुई, नाम भी सामने आया
इस मामले पर फिलहाल भारत सरकार को कोई बयान नहीं आया है. हालांकि रूस में भारतीय दूतावास ने भी इसकी पुष्टि की है.

इस मामले पर फिलहाल भारत सरकार को कोई बयान नहीं आया है. हालांकि रूस में भारतीय दूतावास ने भी इसकी पुष्टि की है. दूतावास ने सोशल मीडिया पर बताया,
“भारतीय नागरिक मोहम्मद असफान की दुखद मृत्यु के बारे में पता चला है. हम उनके परिवार और रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं. दूतावास असफान के पार्थिव शरीर को भारत भेजने का प्रयास कर रहा है.”
द हिंदू में छपी रिपोर्ट के मुताबिक AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि भारतीय दूतावास के एक कर्मचारी ने उन्हें 6 मार्च को असफान की मौत की जानकारी दी. हालांकि अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि असफान की मौत कब हुई. ओवैसी असफान के भाई मोहम्मद इरफान से लगातार संपर्क में हैं.
असफान के भाई इरफान ने दी हिंदू को जानकारी दी कि उनके भाई चेन्नई और शारजाह के रूट से मॉस्को गए थे. उन्हें ‘बाबा व्लॉग्स’ नाम का यूट्यूब चैनल चलाने वाले एक एजेंट ने वहां काम दिलाने की बात कही थी. हालांकि, एजेंट ने युद्ध में काम दिलाने जैसी कोई बात नहीं बताई थी. इरफान ने बताया,
“13 नवंबर को उनके भाई असफान को एक एग्रीमेंट में साइन करने को कहा गया था. वो रूसी भाषा में था. एजेंट पर विश्वास करके असफान ने उसमें साइन कर दिया.”
इरफान ने ये भी जानकारी दी कि एजेंट ने उनके परिवार को ये आश्वासन दिया था कि असफान को युद्ध नहीं लड़ना होगा.
तेलंगाना के नारायणपेट के रहने वाले मोहम्मद सूफियान भी रूस में फंसे हुए हैं. उनके बड़े भाई, सैयद सलमान ने दी हिंदू को बताया कि सुफियान ने वहां की स्थिति को PUBG गेम की तरह बताया है. जैसे कोई रियल लाइफ में ये गेम खेल रहा हो.
21 फरवरी को द हिंदू ने एक और रिपोर्ट में एक रूसी अधिकारी के हवाले से बताया था कि पिछले साल लगभग 100 भारतीयों को रूसी सेना के हेल्पर के तौर पर रिक्रूट किया गया. रूसी रक्षा मंत्रालय के लिए काम करने वाले एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर ये जानकारी दी थी. अधिकारी ने कहा था कि भर्ती किए गए लोगों से कॉन्ट्रैक्ट साइन कराने से पहले नौकरी से जुड़ी रिस्क के बारे में जानकारी दी गई थी.
इस रिपोर्ट के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वो रूसी सरकार से बात कर रही है. और फंसे लोगों को वापस लाने के लिए काम किया जा रहा है.
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