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CJI ने की थी तारीफ, अब सिब्बल से भिड़े SCBA अध्यक्ष, 'अंबानी-अडानी फंडिंग' पर उठा सवाल

CJI BR Gavai ने भी एक कार्यक्रम में Supreme Court Bar Association को वकीलों के Insurance के लिए 50 करोड़ जुटाने पर बधाई दी थी. मगर अब SCBA के नए अध्यक्ष Vikas Singh ने पूर्व अध्यक्ष Kapil Sibal पर इसे लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोपों में Mukesh Ambani और Gautam Adani का भी ज़िक्र है.

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सुप्रीम कोर्ट बार के नए अध्यक्ष विकास सिंह और कपिल सिब्बल. (फोटो- फाइल)

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के हाल ही में चुने गए नए अध्यक्ष विकास सिंह (Vikas Singh) के बीच एक इंश्योरेंस पॉलिसी को लेकर विवाद होता नज़र आ रहा है. दरअसल कपिल सिब्बल ही विकास सिंह से पहले SCBA अध्यक्ष थे. अपने कार्यकाल के दौरान वह बार के सदस्यों के लिए ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी लेकर आए थे. इसके लिए उन्होंने देश के बड़े उद्योगपतियों से 50 करोड़ रुपये जुटाए थे. लेकिन नए अध्यक्ष ने इस पॉलिसी को लेकर विरोध जताया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बार के नए अध्यक्ष विकास सिंह ने इस मेडिकल पॉलिसी पर 5 मई को SCBA की जनरल बॉडी मीटिंग में अपना विरोध जताया. उन्होंने अख़बार को बताया कि वह कार्यकारी समिति की बैठक में इस पॉलिसी को लेकर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा,

मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि इस पॉलिसी पर फिर से बातचीत करने या खत्म करने की ज़रूरत है, क्योंकि हम 2 लाख रुपये के कवर के लिए जो प्रीमियम दे रहे हैं, वह 5 लाख रुपये के कवर के लिए दिए जाने वाले प्रीमियम से बहुत ज़्यादा है.

सिब्बल के प्रयास से हितों के टकराव के मुद्दा पर उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि ये CSR फंड हैं या नहीं. बताते चलें कि CSR यानी Corporate Social Responsibility Fund एक ऐसा फंड होता है जिसे कंपनियां समाज की भलाई के लिए खर्च करती हैं. उन्होंने कहा कि अगर यह CSR फंड नहीं है तो इसमें कोई टकराव नहीं है, क्योंकि यह पैसा एसोसिएशन को दिया जाता है, किसी व्यक्ति को नहीं.

उधर, सिब्बल ने कहा,

इसमें हितों का टकराव नहीं है. डोनेशन एसोसिएशन को दिया जाता है, किसी सदस्य को नहीं. मैं इनमें से कई कंपनियों के खिलाफ या उनके पक्ष में पेश हो चुका हूं और फिर से पेश हो सकता हूं. इसके लिए मैं उनसे फीस लेता हूं. हमारा प्रोफेशनल करियर हमारी दोस्ती पर बेस्ड नहीं है.

सिब्बल का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले 95 प्रतिशत वकील अच्छी कमाई नहीं करते हैं. उन्हें अपने परिवार की देखभाल भी करनी पड़ती है. ऐसे में अगर वे बीमार पड़ जाते हैं तो उन्हें लंबा-चौड़ा मेडिकल बिल भरना पड़ता है. SCBA के क़रीब 2,700-2,800 सदस्य हैं. यह हेल्थ कवर उन्हें मिलेगा. वहीं, SCBA के नए अध्यक्ष विकास सिंह की कोशिश है कि यह पॉलिसी सिर्फ बार के जरूरतमंद सदस्यों को ही मिले. 

इन्होंने दिया फंड

कपिल सिब्बल के मुताबिक, मुकेश अंबानी (रिलायंस इंडस्ट्रीज) ने 10 करोड़ रुपये का फंड दिया है. वहीं, अनिल अंबानी (रिलायंस ग्रुप), गौतम अडानी (अडानी ग्रुप), एन. चंद्रशेखरन (टाटा संस), समीर मेहता (टोरेंट ग्रुप), जी. एम. राव (GMR ग्रुप), कुमार मंगलम बिड़ला (आदित्य-बिड़ला ग्रुप), अनिल अग्रवाल (वेदांता) और लक्ष्मी मित्तल (आर्सेलर मित्तल) ने 5-5 करोड़ रुपये का फंड दिया है. 

बीते दिनों CJI बी. आर. गवई ने भी एक प्रोग्राम में बार एसोसिएशन को 50 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बधाई दी थी. उन्होंने इस कदम को एक अभूतपूर्व उपलब्धि बताया था. 

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