अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बार फिर से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) पर निशाना साधा है. ट्रंप ने यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की संख्या पर सवाल उठाए हैं. और साथ ही संस्थान से इन छात्रों की राष्ट्रीयता का खुलासा करने की मांग की है.
डॉनल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मांगी विदेशी छात्रों के नाम और उनके देश की जानकारी
US की एक Federal Court कोर्ट ने Donald Trump के उस फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत उन्होंने Harvard University को अंतरराष्ट्रीय छात्रों का एडमिशन लेने से रोक दिया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल (Truth Social) पर ट्रंप ने लिखा,
हार्वर्ड ये क्यों नहीं बता रहा कि उसके लगभग 31 प्रतिशत छात्र दूसरे देशों से हैं. इनमें से कुछ देश तो बिलकुल भी अमेरिका के दोस्त नहीं हैं. ये देश अपने छात्रों की पढ़ाई के लिए कोई पेमेंट नहीं करते. और न ही कभी ऐसा करने का उनका इरादा है. ये चीज हमें किसी ने नहीं बताया. हम जानना चाहते हैं कि वो विदेशी छात्र कौन हैं. यह एक उचित अनुरोध है क्योंकि हम हार्वर्ड को अरबों डॉलर देते हैं. लेकिन हार्वर्ड बिलकुल भी आगे नहीं आ रहा. हम उन नामों और देशों के बारे में जानना चाहते हैं.
डॉनल्ड ट्रंप का ये बयान फेडरल कोर्ट के फैसले के बाद आया है. 23 मई को अमेरिका की एक फेडरल कोर्ट ने ट्रंप के उस फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत उन्होंने हार्वर्ड को अंतरराष्ट्रीय छात्रों का एडमिशन लेने से रोक दिया था. बोस्टन में अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज एलिसन डी बरोज ने उनके फैसले पर एक अस्थायी प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने 23 मई की सुबह ट्रंप प्रशासन के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने बैन को अमेरिकी संविधान और संघीय कानून का घोर उल्लंघन करार दिया. यूनिवर्सिटी ने कोर्ट में कहा कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को बाहर करने से हार्वर्ड और वहां पढ़ने वाले हजारों वीजा होल्डर्स, दोनों बुरी तरह से प्रभावित होंगे. हार्वर्ड प्रशासन ने एक बयान जारी कर बताया,
अंतरराष्ट्रीय छात्र हार्वर्ड की पहचान हैं. उनके बिना हार्वर्ड, हार्वर्ड नहीं है.
हार्वर्ड कम्युनिटी के नाम लिखे एक लेटर में यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉ. एलन एम. गार्बर ने ट्रंप प्रशासन के फैसले की निंदा करते हुए इसे गैरकानूनी और अनुचित कार्रवाई बताया. उन्होंने कहा,
यह फैसला हार्वर्ड के हजारों छात्रों और स्कॉलर्स के भविष्य को खतरे में डालता है. यह देशभर के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले उन अनगिनत लोगों के लिए चेतावनी है जो शिक्षा प्राप्त करने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए अमेरिका आए हैं.
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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ट्रंप के आदेश को अस्थायी रूप से रोकने में सफल रहा है. लेकिन वॉइट हाउस अभी इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है. हार्वर्ड में लगभग 6,800 अंतरराष्ट्रीय (विदेशी) छात्र पढ़ते हैं. यह संख्या यूनिवर्सिटी के कुल स्ट्रेंथ का लगभग 27 प्रतिशत है.
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