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कश्मीर: अगर ये मांग पूरी हो जाती तो रजनी बाला की जान बच जाती

रजनी बाला 2009 से कुलगाम में सरकारी स्कूल में टीचर थीं. उन्होंने अपने पति के भी ट्रांसफर की मांग की थी.

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रजनी बाला और उनका कथित पत्र. (फोटो: इंडिया टुडे)

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में बीती 31 मई को आतंकवादियों ने रजनी बाला नाम की एक हिंदू टीचर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. अब उनका एक कथित पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें लिखा है कि रजनी बाला ने खतरे की आशंका जताते हुए ट्रांसफर किए जाने की मांग की थी.

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रजनी बाला कुलगाम के गोपालपोरा में एक सरकारी हाईस्कूल में पिछले पांच सालों से पढ़ा रही थीं. लेकिन घाटी में हिंदुओं और पंडितों को निशाना बनाए जाने की हालिया घटनाओं को लेकर वो चिंतित थीं और कथित तौर पर खुद को सुरक्षित स्थान पर ट्रांसफर करने की मांग की थी.

वैसे तो सोशल मीडिया पर वायरल इस पत्र पर कोई तारीख नहीं है और इसकी सत्यता की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन पत्र में लिखी बातों को इसलिए समर्थन मिल रहा है, क्योंकि रजनी बाला के पति राजू कुमार ने भी इंडिया टुडे से ये कहा था कि उनकी पत्नी ने ट्रांसफर की मांग की थी. 

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जान का खतरा बताया था

रजनी बाला ने कुलगाम जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी को लिखे इस कथित पत्र में कहा था कि चूंकि उनका स्कूल खुले में बगीचे वाले क्षेत्र में स्थित है और उसकी कोई बाउंड्री दीवार भी नहीं है, इसलिए उन्हें खतरा महसूस हो रहा है. इसमें लिखा गया है, 

‘मैं पिछले पांच सालों से गोपालपोरा के गवर्नमेंट हाईस्कूल में बतौर जनरल लाइन टीचर काम कर रही हूं. यहां काम करते हुए मुझे काफी आनंद आया. लेकिन टार्गेटेड किलिंग्स की हालिया घटनाओं के चलते भय और असुरक्षा की स्थिति खड़ी हो गई है, क्योंकि मेरा स्कूल खुले में बगीचे वाले क्षेत्र में स्थित है, जिसकी कोई बाउंड्री भी नहीं है. इसलिए आपसे निवेदन है कि कृपया मुझे सुरक्षित क्षेत्र में भेज दें, जो कि रोड के नजदीक टाउन में हो, ताकि मैं भयमुक्त होकर अपना काम अच्छे से कर पाऊं.’

सोशल मीडिया पर वायरल पत्र.

इस पत्र के मुताबिक रजनी बाला ने अपने पति को भी सुरक्षित जगह पर ट्रांसफर किए जाने की मांग की थी.

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घाटी में साल 2009 से काम कर रही थीं

रजनी बाला और उनके पति राजू कुमार साल 2009 से घाटी में काम कर रहे थे. हालांकि इस घटना के बाद कुमार का कहना है कि ये क्षेत्र अब हिंदुओं के लिए सुरक्षित नहीं है. उन्होंने इंडिया टुडे से कहा था कि कई बार निवेदन के बावजूद पत्नी को सुरक्षित स्थान पर ट्रांसफर नहीं किया गया. राजू ने बताया था कि हत्या वाले दिन वो अपनी पत्नी को स्कूल छोड़कर लौटे ही थे कि तभी पता चला कि आतंकियों ने रजनी की गोली मार कर हत्या कर दी है.

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