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मनोहरलाल खट्टर ने इस्तीफे से पहले दुष्यंत चौटाला संग गठबंधन पर क्या कहा?

लोकसभा चुनाव में Dushyant Chautala की JJP के साथ BJP के गठबंधन पर हरियाणा के पूर्व सीएम Manoharlal Khattar ने अहम बात कही थी. लल्लनटॉप के साथ खास बातचीत में मनोहर लाल ने सीट शेयरिंग पर अपने विचार रखे.

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पूर्व सीएम खट्टर ने JJP के साथ लोकसभा चुनावों में शीट शेयरिंग पर बात की (फोटो: इंडिया टुडे)

हरियाणा की सियासत में अचानक से उबाल आया है. मनोहर लाल खट्टर ( Former Haryana CM Manoharlal Khattar ) ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) सूबे के नये सीएम होंगे. दुष्यंत चौटाला ( Dushyant Chautala ) की जननायक पार्टी ( Jannayak Party ) यानी JJP नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी. लेकिन इस बीच लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर मनोहरलाल का बयान सामने आया है. 

दी लल्लनटॉप ने 5 मार्च को मनोहर लाल खट्टर से बात की थी. इस दौरान उनसे लोकसभा चुनावों के दौरान जननायक पार्टी के साथ सीट शेयरिंग पर भी बात हुई. इसे लेकर उन्होंने बताया,

' ये जीत का विषय हैं. इस पर फैसला हमारा केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड ही करता है. और केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड ने हमको बुलाया है. 6 और 8 मार्च को मीटिंग होनी है. किसी भी दिन हमें जाना पड़ सकता है.वहां इन सभी मुद्दों पर चर्चा होगी और इसका निर्णय पार्लियामेंट्री बोर्ड करेगा. और जहाँ तक पिछले चुनावों की बात है. चुनाव से पहले का हमारा उनकी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं था. चुनाव परिणामों के बाद की परिस्थितियों के हिसाब निर्णय लिया गया था कि हमें साथ चलना चाहिए,तो हम साथ चले और अब तक चलते आ रहे हैं.'

इस दौरान उन्होंने जननायक पार्टी के साथ गठबंधन और आंतरिक रिश्तों पर बताया, 

' पहले जब दल मिलते हैं तभी बाद में मन मिलते हैं. मन के मिलने में कहीं हमको कठिनाई नहीं आई है. हम लगातार दूसरे को समझ कर चल रहे हैं. लेकिन, जहाँ तक पार्टियों के तालमेल और गठबंधन की बात है, इसमें हर विषय पर पार्टी विचार करती है, उसमें पार्टी के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर भी विचार कर चीजें तय की जाती हैं. जनता की हमें लेकर क्या सोच है, जनता हमें लेकर किस प्रकार का फैसला लेने वाली है ये सब निर्णय उसी हिसाब से चलते हैं.'

सीट शेयरिंग पर मुख्यमंत्री का क्या मन है?

इसे लेकर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने बताया,

‘देखिए मन रणनीति का विषय होता है. और रणनीति कभी भी मीडिया के सामने खुलकर बताई जाए ये सही नहीं होता है. ये पार्टी का आंतरिक मामला है और मुझे नहीं लगता कि मुझे ये बात आपके साथ शेयर करनी चाहिए.’

दुष्यंत चौटाला के विधायकों के संपर्क को लेकर उन्होंने बताया,

'संपर्क में तो चौटाला भी है. और इनसे पहले जो और इनके परिवार के सब लोग भी संपर्क में रहे हैं. संपर्क तो वो ( दुष्यंत चौटाला ) भी करते हैं. कांग्रेस के हमारे बहुत से मित्र भी संपर्क करते रहते हैं.'

कांग्रेस के विधायकों के शामिल होने पर क्या बताया?

‘देखिए मैं उनके (संपर्क करने वाले कांग्रेस नेताओं) नाम तो नहीं लूंगा. लेकिन इतना जरूर है कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने वाले जो मित्र हैं, उनसे हमारे कुछ कॉमन फ्रेंड्स भी हैं, कुछ मीडिया के लोग भी संपर्क में रहते हैं. तो उन्होंने जब उनसे पूछा कि बीजेपी के पास तो पहले से कई कैंडिडेट हैं. यहां (बीजेपी में) आपको टिकट मिलने की संभावना कम हैं, तो आप यहां क्यों आए हैं? उनमें से दो तीन लोगों ने मुझे बताया कि हाँ, संभावना तो अभी भी नहीं लग रही है, लेकिन कम से कम इस बात से पीछा छूट गया कि वहाँ अगर रहते तो हमारे गले में टिकट डाल दिया जाता.और हमने चुनाव लड़ना ही पड़ता. यहां कम से कम इस बात से तो पीछा छूटेगा.’

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बता दें कि 11 मार्च को  दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. इस दौरान उनमें गठबंधन को लेकर बात नहीं बनी थी. दरअसल रिपोर्ट्स के मुताबिक, BJP लोकसभा चुनाव में JJP को एक भी सीट देने के पक्ष में नहीं है. बीजेपी अकेले ही सभी दस सीटों पर‌ चुनाव लड़ना चाहती है.

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