इस बार 1 दिसंबर को वोटिंग हुई थी. ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव की 150 सीटों पर 1,122 प्रत्याशी मैदान में थे. BJP के 149 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे थे. TRS ने सभी 150 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. कांग्रेस 146 सीटों पर, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. वहीं TDP 106, CPI 17, CPM 12, निर्दलीय 415 और अन्य पार्टियों से 76 प्रत्याशी मैदान में थे.
औवेसी के हैदराबाद किले में बीजेपी ने लगाई बड़ी सेंध
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) चुनाव के फाइनल नतीजे क्या रहे, जान लीजिए
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ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव के शुरुआती रुझान में बीजेपी को बहुमत मिल गया है. वहीं TRS और AIMIM पिछड़ते दिख रहे हैं.
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम GHMC चुनाव के नतीजे आ गए हैं. तेलंगाना राष्ट्रवादी समिति TRS ने 55 वार्ड में जीत दर्ज की है. लेकिन BJP ने इस चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है. उसने 48 वार्ड में जीत दर्ज की है. असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन AIMIM ने 44 वार्ड में जीत दर्ज कर सकी. कांग्रेस के खाते में सिर्फ दो सीटें आई हैं.
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पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली BJP के विकास परक राजनीति पर विश्वास जताने के लिए तेलंगाना के लोगों का आभार. मैं अपने कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना करता हूं.
मैं हैदराबाद के लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने TRS को सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के रूप में चुना. जैसा हमने सोचा था परिणाम वैसा नहीं है. हम 20-25 सीटें पीछे रह गए. हम 10 से 12 डिविजन में बहुत ही कम मार्जिन से हारे.
पिछली बार का रिजल्ट क्या था?
2016 के ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में TRS ने 150 वार्डों में से 99 वार्ड में जीत हासिल की थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 44 वार्ड में जीत मिली थी. BJP को 4 सीटें मिली थीं. कांग्रेस को महज दो वार्डों में ही जीत मिली थी. GHMC देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है. पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं तो तेलंगाना की 5 लोकससभा सीटें आती हैं.BJP के लिए जीत के मायने क्या हैं?
इस चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने लगभग सभी फायरब्रांड नेताओं को चुनावी मैदान में उतार दिया था. गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी हैदराबाद में कैंपेन किया था. इतना ही नहीं, बिहार BJP के प्रभारी भूपेन्द्र यादव को भी G.H.M.C. चुनाव में भाजपा का प्रभारी बनाकर हैदराबाद भेज दिया गया था. हैदराबाद के नतीजों और BJP के बढ़ते प्रभाव को देखते हैदराबाद के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक टी एस सुधीर का कहना है कि हैदराबाद शहर में राज्य की 20 प्रतिशत विधानसभा सीटें (119 में 24) आती है और वहां पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा को सिर्फ एक सीट मिली थी. अब चूंकि हैदराबाद राज्य की राजधानी भी है और यहां अच्छा प्रदर्शन कर भाजपा ने राज्य का मुख्य विपक्षी चेहरा होने का अपना दावा पुख्ता कर लिया है. विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस फिलहाल निष्क्रिय दिख रही है इसलिए भाजपा का दावा और मजबूत हो जाता है.Advertisement
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