अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक प्यारे खान अब तक नागपुर और उसके आसपास के सरकारी अस्पतालों में 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचा चुके हैं. इससे कई कोविड मरीजों की जान बची है. नागपुर प्रशासन ने उन्हें पैसे देने की बात कही है. हालांकि, ताजबाग की झुग्गी झोपड़ी में पले बढ़े प्यारे खान इसे समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी मानते हैं. उनका कहना है कि वे रमज़ान के पवित्र महीने में 'ऑक्सीजन ज़कात' कर रहे हैं.
आगे बढ़ने से पहले आपको ज़कात के बारे में बता देते हैं. ज़कात इस्लाम धर्म के पांच स्तंभों में से एक है. रमज़ान के महीने में इसका महत्व बढ़ जाता है. यह एक तरह की चैरिटी है. कुरान में कहा गया है कि जिस मुसलमान के पास इतना पैसा और संपत्ति हो कि उसके अपने खर्च आसानी से पूरे हो रहे हों, तो उसे जरूतमंदों को दान देना चाहिए. ऑक्सीजन के लिए चुकाए तीन गुना पैसे फिर से प्यारे खान पर आते हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक प्यारे खान की कंपनी के पास 300 ट्रांसपोर्ट ट्रक हैं. खान ने अपने ही कई सारे ट्रकों के जरिए अलग-अलग अस्पतालों में प्राणवायु पहुंचाई. उनका मानना है कि जो ऑक्सीजन उन्होंने दी है, वो इस संकट के समय में समाज के अलग-अलग हिस्से के लोगों का भला करेगी.
प्यारे खान ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो वे ब्रसेल्स से ऑक्सीजन टैंकर एयरलिफ्ट भी करा सकते हैं. लिक्विड ऑक्सीजन दान देने के साथ ही प्यारे खान एम्स, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और इंदिरा गांधी गवर्नमेंट हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज को 116 ऑक्सीजन कन्सट्रेटर देने की योजना भी बना रहे हैं. इनकी कीमत करीब 50 लाख रुपए है.

प्यारे खान (Pyare Khan) का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो वे ब्रसेल्स से ऑक्सीजन टैंकर एयरलिफ्ट कराएंगे. (फोटो: ट्विवटर)
एक ऑक्सीजन टैंकर को लाने के लिए प्यारे खान ने असल कीमत से तीन गुना अधिक रकम चुकाई है. उन्होंने बेंगलुरू से दो क्रायोजेनिक गैस टैंकर किराए पर लिए और एक ट्रिप के लिए करीब 14 लाख रुपए चुकाए. इस संकट के समय में वे मोलभाव नहीं कर रहे हैं.
इस काम में उन्हें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और नागपुर जिला प्रशासन का भी सहयोग मिल रहा है. हाल के दिनों में प्यारे खान ने कुल 860 सिलेंडर भी दान दिए हैं. इनमें से 500 सिलेंडर अस्पतालों को और बाकी के जरूरतमंद लोगों को दिए गए हैं. वे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी दो ऑक्सीजन टैंकर भेजने वाले हैं.