‘दृश्यम’ फिल्म में अजय देवगन एक मूवी देखकर मर्डर करते हैं. अब वैसे ही मर्डर वाली एक पिक्चर देखकर असल जिंदगी में एक व्यक्ति ने मर्डर किया है. मामला उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा का है. पुलिस ने शुक्रवार 23 अगस्त को ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा-2 क्षेत्र में रहने वाले एक कारोबारी की हत्या का खुलासा किया. हत्या का आरोपी दिल्ली पुलिस का एक सिपाही है, जो कई महीनों से निलंबित चल रहा था. पुलिस जांच के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे हुए जिससे पता चलता है कि आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की.
यूपी: 'दृश्यम' मूवी देखी और व्यापारी को मार डाला, दिल्ली पुलिस के पूर्व सिपाही का पूरा प्लान खुल गया
ग्रेटर नोएडा में एक व्यापारी की हत्या का केस खुल गया है. हत्या का आरोपी दिल्ली पुलिस का पूर्व कॉन्स्टेबल है. उसने साजिश रचने से पहले दृश्यम मूवी और क्राइम वेब सीरीज देखीं थी. पुलिस ने कैसे खोला केस?

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने मामले में 13 दिन खोजबीन के बाद आरोपी सिपाही प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने फ्लैट के विवाद में घटना को अंजाम दिया और शव को छिपा दिया. आरोपी के पास से हथौड़ा और घटना में प्रयोग की गई कार को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी ने हत्या के बाद मृतक व्यापारी अंकुश शर्मा के शव को एलजी गोल चक्कर के पास जंगल में छुपा दिया था.
ग्रेटर नोएडा के डीएसपी साद मियां खान ने शुक्रवार 23 अगस्त को बताया कि सेक्टर अल्फा-2 की गोल्फ विस्टा अपार्टमेंट सोसाइटी में व्यापारी अंकुश शर्मा रहते थे. नौ अगस्त को वो घर से निकले, लेकिन वापस नहीं लौटे. परिवार ने 10 अगस्त को सेक्टर बीटा-2 कोतवाली में अंकुश शर्मा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. पुलिस पूछताछ में पता चला कि वह SKA सोसाइटी में रहने वाले दिल्ली पुलिस के सिपाही प्रवीण के साथ आखिरी बार कहीं गए थे. पुलिस पूछताछ में आरोपी प्रवीण ने अंकुश शर्मा की हत्या का जुर्म कबूल कर लिया है.
डीसीपी साद मियां खान ने बताया,
‘आरोपी प्रवीण साल 2004 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था. पिछले कई महीनों से वह निलंबित चल रहा था. प्रवीण ने ब्रोकर के माध्यम से एक फ्लैट खरीदने के लिए अंकुश शर्मा से संपर्क किया था. अंकुश शर्मा का एक फ्लैट SKA सोसाइटी में है, जिसे खरीदने के लिए प्रवीण का अंकुश के साथ एक करोड़ बीस लाख में सौदा तय हुआ था. प्रवीण ने अंकुश को आठ लाख रूपए दे दिए थे. इसके बाद अंकुश ने प्रवीण को फ़्लैट की कीमत 20 लाख बढ़ाकर देने के लिए कहा. प्रवीण के पास फ़्लैट के कब्जे के लिए पैसे नहीं थे. ऐसे में उसने अंकुश की हत्या की साजिश रची.’
आरोपी प्रवीण ने हत्या की प्लानिंग के लिए दृश्यम फिल्म समेत कई क्राइम वेब सीरीज देखी थीं.
डीसीपी साद मियां खान ने आगे बताया,
‘आरोपी प्रवीण ने 9 अगस्त को अंकुश शर्मा के पास फोन किया और उसे रुपए देने के लिए बुलाया. इसके बाद प्रवीण, अंकुश को अपनी कार में बिठाकर एक सोसाइटी की पार्किंग में गया. जहां दोनों ने ड्रिंक की. इस दौरान अंकुश जब ज्यादा नशे में था तब प्रवीण ने अंकुश के सिर पर हथोड़े से वार किया. फिर अंकुश का गाला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद देर रात प्रवीण ने अंकुश के शव को एलजी गोल चक्कर के जंगल में ले जाकर झाड़ियों में छिपा दिया.’
आरोपी प्रवीण ने पुलिस को गुमराह करने के लिए अंकुश का मोबाइल इस्तेमाल किया. प्रवीण ने अंकुश के फोन से उसके वकील को मैसेज किया और बताया कि फ्लैट के पूरे रुपये मिल गए हैं. आरोपी प्रवीण ने सबूत मिटाने के लिए पूरी योजना बनाई हुई थी, उसने पुलिस को दिखाया कि व्यापारी को बुलाने के बाद और पिकअप करने के बाद उसे वहीं छोड़ दिया था. पूछताछ में भी उसने यही बताया कि उसने व्यापारी को वहीं छोड़ दिया था. जबकि सच ये था कि उसने जहां कैमरा नहीं लगा था, वहां व्यापारी को गाड़ी के पीछे वाली सीट पर भेज दिया था. इसके बाद वह एक पेट्रोल पंप पर पहुंचा और अपनी लोकेशन और अपने आप को कैमरे में कैद करवाया. जिससे पुलिस को प्रवीण पर शक न हो. प्रवीण ने शव को ठिकाने लगाने के लिए जगह की रेकी पहले से ही कर रखी थी.
डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि सेक्टर बीटा-2 कोतवाली पुलिस के अलावा स्वाट टीम और सर्विलांस टीम को मामले की छानबीन में लगाया गया. फॉरेंसिक और डॉग स्क्वाड की भी मदद ली गई. अंकुश शर्मा के घर और ऑफिस के आसपास के इलाके के सीसीटीवी की फुटेज और मोबाइल का डाटा खंगाला गया. इसके बाद पुलिस को आरोपी को पकड़ने में सफलता मिली. आरोपी प्रवीण पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103(1) (हत्या का आरोप), 238 (साक्ष्य नष्ट करना) और 123 (किसी अन्य व्यक्ति को जहर देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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