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ममता बनर्जी के खास ज्योतिप्रिय मलिक कौन हैं? ED ने गिरफ्तार कर लिया है

ज्योतिप्रिय मलिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं. वो राज्य सरकार में तीन बार मंत्री भी रह चुके हैं.

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ED ने मलिक के दो घरों और तीन अन्य जगहों पर छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया है. (फोटो- ट्विटर)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल के मंत्री और TMC नेता ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार कर लिया है (Jyoti Priya Mallick arrested by ED). गिरफ्तारी कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में की गई है. ED ने मलिक के दो घरों और तीन अन्य जगहों पर छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया है. मलिक से पहले TMC नेता पार्थ चटर्जी, अनुब्रत मंडल और माणिक भट्टाचार्य को भी ED ने गिरफ्तार किया है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्योतिप्रिय मलिक वन मंत्री बनने से पहले खाद्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे. ED ने इस मामले में इससे पहले चावल मिल मालिक बकीबुर रहमान को गिरफ्तार किया था. मलिक ने 2004 में चावल मिल मालिक के रूप में अपना काम शुरू किया था. अगले दो वर्षों में उन्होंने तीन और कंपनियां खड़ी कर लीं. ED के मुताबिक रहमान ने कथित तौर पर शेल कंपनियों की श्रंखला खोली और वहां से पैसे निकाले.

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ED सूत्रों के अनुसार जिस वक्त बकीबुर रहमान कथित तौर पर घोटाले में शामिल थे, उस दौरान ज्योतिप्रिय मलिक बंगाल के खाद्य मंत्री थे. इस मामले में ED पहले से ही मौजूदा खाद्य मंत्री रथिन घोष से पूछताछ कर चुकी है.

कौन हैं ज्योतिप्रिय मलिक?

ज्योतिप्रिय मलिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं. वो राज्य सरकार में तीन बार मंत्री रह चुके हैं. उन्हें उनके उकसाऊ बयानों के लिए भी जाना जाता है. साल 2012 में मलिक ने अपनी पार्टी के सदस्यों को एक निर्देश जारी कर CPI(M) का सामाजिक बहिष्कार करने की बात कही थी. इसमें उन्होंने CPI(M) से जुड़े परिवारों के साथ सभी संबंध, यहां तक कि विवाह संबंध भी खत्म करने को कहा था.

साल 2013 में बलात्कार विरोधी कार्यकर्ता बरुण बिस्वास की हत्या कर दी गई थी. इसमें ज्योति मलिक का नाम उछला था. मामले की जांच के लिए एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स द्वारा बनाई गई एक समिति ने मलिक को हत्या का दोषी करार दिया था. इस साल की शुरुआत में, मलिक की बेटी प्रियदर्शनी मलिक को पश्चिम बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था.

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राशन घोटाला क्या है?

पश्चिम बंगाल का राशन घोटाला मामला साल 2020-21 का है. इस वक्त ज्योतिप्रिय मलिक राज्य में फूड मिनिस्टर थे. आरोप है कि PDS के तहत बेचा जाना वाला गेहूं और चावल बाजार में बेचा दिया गया. आरोप लगे कि ये काम फूड डिपार्टमेंट के अधिकारियों और मिल मालिकों की मिलीभगत से हुआ था. PDS वाला गेहूं और चावल बाजार में तो बेचा ही गया, साथ ही राशन की दुकानों के माध्यम से घटिया गुणवत्ता वाला चावल और गेहूं बांट दिया गया.    

इसी मामले के तहत ED ने 14 अक्टूबर को बकीबुर रहमान को गिरफ्तार किया था. ED के अनुसार, बकीबुर ने कथित तौर पर लगभग 100 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की थी. उस वक्त मलिक उत्तर 24 परगना जिले के तृणमूल कांग्रेस के जिला प्रमुख के पद पर थे, जहां से बकीबुर आते हैं.  

ममता बनर्जी ने बीजेपी को घेरा

26 अक्टूबर के दिन कालीघाट स्थित अपने आवास पर ममता बनर्जी ने प्रेस से बात करते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियों को घेरा. बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं को दुर्गा पूजा के बाद परेशान किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसियां TMC नेताओं के घरों में तोड़फोड़ कर रही हैं.

सीएम ने आरोप लगाया कि TMC सांसद सुल्तान अहमद को केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा बुलाए जाने के बाद दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई. बनर्जी ने बताया कि TMC सांसद प्रसून बनर्जी की पत्नी की भी मृत्यु हो गई.

बीजेपी का पलटवार

बीजेपी ने ममता बनर्जी के बयानों को झूठा करार दिया. बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी ऐसा विपक्ष नहीं चाहतीं जो उनकी आलोचना करे. सुवेंदे ने आरोप लगाया कि ममता ने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को सरकार चलाने की अनुमति दी है और वो अपनी पार्टी के चोरों को बचाने की कोशिश करती हैं.

(ये भी पढ़ें: ममता के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को रेड के बाद ED ने किया अरेस्ट, जाते-जाते क्या बोल गए मंत्री?)

वीडियो: ED ने शाओमी पर कार्रवाई की, रॉयल्टी के नाम पर अवैध भुगतान का आरोप

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