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डॉनल्ड ट्रंप की बेचैनी और बढ़ेगी, रूस ने भारत के लिए और घटाई तेल की कीमत

Donald Trump ने पिछले हफ्ते भारत पर Tarrif को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है. वहीं Russia भारत को सस्ती कीमत पर कच्चे तेल की सप्लाई कर रहा है. भारत ने रूस से तेल खरीद मामले में किसी दबाव में झुकने से इनकार किया है.

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रूस ने भारत को कच्चे तेल पर मिलने वाली छूट को और बढ़ा दिया है. (इंडिया टुडे)

अमेरिका (US) ने भारत पर मनमाना टैरिफ लगाया है. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) बार-बार टैरिफ बढ़ाने की धमकियां भी दे रहे हैं. लेकिन भारत ट्रंप की इन धमकियों को अनदेखा करके रूस (Russia) से तेल की खरीद जारी रखे हुए हैं. अब खबर है कि भारतीय रिफाइनरियों के लिए रूसी तेल और सस्ता हो गया है.

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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने भारत को दिए जाने वाले तेल पर छूट को बढ़ाकर 3 से 4 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है. पिछले सप्ताह यह छूट 2.50 डॉलर प्रति बैरल थी, जबकि जुलाई में 1 डॉलर प्रति बैरल थी. सितंबर और अक्टूबर में भारत को भेजे जाने वाले तेल पर ये नई दरें लागू होंगी.

ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया

ट्रंप प्रशासन ने पिछले हफ्ते भारत पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया. और साथ ही भारत पर रूस यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया. साल 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत होने के बाद से नई दिल्ली रूसी कच्चे तेल का प्रमुख आयातक बन गया है. 

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वाशिंगटन की बार-बार आलोचना के बाद अब भारत  मास्को और बीजिंग के करीब आता जा रहा है. शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत और रूस के बीच के संबंध बेहद खास हैं. इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की. और दोनों देशों ने प्रतिद्वंद्वी के बजाय साझेदार बनने का संकल्प किया.

रूसी युद्ध मशीन को बढ़ावा

वॉइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारों ने भारत की तीखी आलोचना करते हुए कहा था,

 यूक्रेन पर पुतिन के हमले से पहले भारत, रूस तेल की खरीद तो दूर, बहुत कम मात्रा में तेल लेता था. लेकिन अब रूस सस्ता तेल देता है, भारत उसे रिफाइन करता है और फिर यूरोप अफ्रीका और एशिया में प्रीमियम पर बेचता है. यह रूसी युद्ध मशीन को बढ़ावा देता है.

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भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है. उसने 2022 से रूस से कच्चे तेल की खरीद को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर लिया है. 2024-25 में भारत ने 5.4 मिलियन बैरल प्रतिदिन के आयात में से 36 प्रतिशत तेल रूस से लिया, जोकि इराक, सऊदी अरब, यूएई और अमेरिका से खरीदने वाले तेल से कहीं अधिक है. भारत ने स्पष्ट भी किया है कि रूस के साथ उसका ऊर्जा व्यापार पूरी तरह से वैध है. और खुद अमेरिका ने भी रूसी तेल पर प्रतिबंध नहीं लगाया है.

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