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ED ने दिल्ली शराब केस में जिस अमित अरोड़ा को अरेस्ट किया, वो कौन है?

अमित कथित तौर पर शराब लाइसेंसियों से कमाए फायदे को मैनेज करते थे और आरोपी पुलिस अफसरों तक डायवर्ट करते थे.

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शराब नीति घोटाले मामले में अमित अरोड़ अरेस्ट (फोटो-आजतक)

दिल्ली के शराब नीति घोटाले मामले में ED ने कार्रवाई करते हुए एक और गिरफ्तारी की है. बुधवार, 30 नवंबर को गुरुग्राम के बिजनेसमैन अमित अरोड़ा को अरेस्ट किया गया है (Amit Arora Arrested Liquor Policy Scam) . वो गुरुग्राम की कंपनी बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं. अक्टूबर में CBI ने अमित अरोड़ से मामले में पूछताछ भी की थी.

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दरअसल इस केस में CBI ने 17 अगस्त को FIR दर्ज की थी. आरोप लगाया गया कि अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे शराब घोटाले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगी हैं. इंडिया टुडे के मुताबिक, तीनों कथित तौर पर शराब लाइसेंसियों से कमाए फायदे को मैनेज करते थे और आरोपी पुलिस अफसरों तक डायवर्ट करते थे.

तीनों आरोपियों में से एक दिनेश अरोड़ा कोर्ट के सामने सरकारी गवाह भी बने थे. वो दिल्ली के बड़े कारोबारी हैं और रेस्टोरेंट इंडस्ट्रीज में जाना-माना नाम है. सीबीआई के मुताबिक, दिनेश अरोड़ा राधा इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर हैं. इसके अलावा वो नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) के कमेटी मेंबर भी हैं. जुलाई 2018 में अरोड़ा ने ईस्टमेन कलर रेस्टोरेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भी शुरू की थी.

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क्या है पूरा मामला?

दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी में कथित तौर पर गंभीर अनियमितिाओं और गड़बड़ियों के आरोपों की जांच के लिए उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. मामले में अब तक ED पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और 169 तलाशी अभियान चला चुकी है.

CBI ने 25 नवंबर को 7 आरोपियों के खिलाफ दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. उसमें आप के कम्युनिकेशन इंचार्ज विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, अरुण पिल्लई, मुत्थु गौतम और दो लोक सेवकों को आरोपी बनाया गया.

10 हजार पन्नों की इस चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं था. इस पर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर निशाना साधा. आप ने कहा कि मनीष सिसोदिया पर सारे आरोप फर्जी और मनगढ़ंत थे और बीजेपी को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.

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नई आबकारी नीति में क्या है?

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई आबकारी नीति लागू करने के बाद से शराब बेचने के कारोबार से खुद को अलग कर लिया. नई पॉलिसी लागू होने के बाद से दिल्ली सरकार की तरफ से चलाई जा रहीं लगभग 600 शराब की दुकानों को बंद किया जा चुका है. इसके पीछे सोच थी कि शराब की खरीदारी को और अधिक आकर्षक बनाकर ज्यादा से ज्यादा राजस्व बढ़ेगा. नई नीति में, केजरीवाल सरकार ने 850 शराब की दुकानों को रिटेल लाइसेंस दिए थे. इसमें 266 शराब के ठेके प्राइवेट दिए गए. विपक्ष ने आप पर दिल्ली में शराब कल्चर को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. 

देखें वीडियो -स्टिंग के जवाब में मनीष सिसोदिया का चैलेंज देखिए

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