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दिल्ली: अग्निपथ के खिलाफ धरना दे रहे 'युवा हल्ला बोल' के सदस्यों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया

संगठन के सदस्यों का कहना है कि पुलिस ने उनके ऊपर शांति व्यवस्था बिगाड़ने का फर्जी आरोप लगाया है.

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दिल्ली पुलिस ने 16 जून को युवा हल्ला बोल के सदस्यों को गिरफ्तार किया. (फोटो: ट्विटर)

केंद्र सरकार की तरफ से सेना में भर्ती के लिए लाई गई नई योजना 'अग्निपथ' (Agnipath) का देशभर में विरोध हो रहा है. कई राज्यों में ये विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए. इस बीच पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है. इसी सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने ‘युवा हल्ला बोल’ नाम के संगठन के सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इस संगठन के लोग सरकारी नौकरी भर्तियों को लेकर आवाज उठाते रहे हैं. युवा हल्ला बोल ने अग्निपथ योजना के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था. पुलिस ने संगठन के सदस्यों के ऊपर शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. संगठन के सदस्यों ने इन आरोपों को झूठा बताया है और साथियों को रिहा किए जाने की मांग की है.

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पूरा मामला क्या है? 

दी लल्लनटॉप ने युवा हल्ला बोल संगठन के राष्ट्रीय महासचिव रजत यादव से बात की. उन्होंने बताया,

कोरोना के कारण लंबे समय से सेनाओं में भर्ती नहीं हुई थी, जिसके चलते कई युवाओं ने आत्महत्या कर ली थी. बीती 14 जून को केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती करने का ऐलान कर दिया. इस वजह से हरियाणा के जींद में लंबे समय से सेना में जाने की तैयारी कर रहे एक युवक ने आत्महत्या कर ली. साथ ही देशभर में युवा अग्निपथ स्कीम के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. ऐसे में हमारे संगठन ने भी धरना प्रदर्शन आयोजित करने का फैसला लिया.

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रजत ने आगे बताया कि 16 जून को संगठन ने मेरठ में अग्निपथ योजना के विरोध में एक शांतिपूर्ण मार्च निकाला और जिलाधिकारी से मिलकर ज्ञापन सौंपा. इसके बाद 16 जून की शाम को ही दिल्ली के कनॉट प्लेस में हरियाणा के युवक की मौत पर शोक जताने के लिए एक सभा का आयोजन किया गया. रजत ने कहा कि संगठन की तरफ से इस शोक सभा के बारे में दिल्ली पुलिस को पहले ही सूचना दे दी गई थी. 

उन्होंने आगे बताया कि शाम करीब 7 बजे दिल्ली पुलिस ने कनॉट प्लेस में धरना दे रहे युवा हल्ला बोल के कार्यकर्ताओं को वहां से हटने को कहा. दिल्ली पुलिस का कहना था कि प्रदर्शनकारी इलाके की शांति को भंग कर रहे हैं. जब कार्यकर्ता वहां से नहीं हटे, तो पुलिस ने संगठन से जुड़े 11 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. जिनमें संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम के साथ दूसरे सदस्य गोविंद मिश्रा, प्रशांत कमल, रिशव रंजन भी शामिल हैं. पुलिस ने इन 11 कार्यकर्ताओं को मंदिर मार्ग थाना और कनॉट प्लेस थाने में बंद कर दिया.

दी लल्लनटॉप को मिली जानकारी के मुताबिक, हिरासत में लिए गए 11 कार्यकर्ताओं पर दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 107 (दुष्प्रेरण) और 151 (गैरकानूनी सभा) लगाई हैं. साथ ही इस मामले में अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं की गई है. 16 जून को रातभर लॉकअप में रखने के बाद पुलिस ने 17 जून को सभी को मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया. जहां पुलिस ने दावा किया कि हिरासत में लिए गए सभी लोग शांति व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे. वहीं संगठन का दावा है कि उन्होंने धरने के दौरान नारेबाजी भी नहीं की, सभी लोग शांति से बैठे थे. इसके बावजूद पुलिस ने उन पर शांति व्यवस्था को भंग करने का झूठा आरोप लगाया है. इसके बाद मजिस्ट्रेट ने सभी कार्यकर्ताओं को एक दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया. 

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जानकारी के मुताबिक, इस मामले में अभी कानूनी कार्यवाही चल रही है. संगठन के वकील मंदिर मार्ग थाना और कनॉट प्लेस थाना पहुंच चुके हैं. दी लल्लनटॉप ने इस मामले में दिल्ली पुलिस से बात करने की कोशिश की. हालांकि, संपर्क नहीं हो पाया. पुलिस की प्रतिक्रिया मिलने पर स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.

इससे पहले संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा था कि सरकार को अग्निपथ योजना को तुरंत वापस लेकर नियमित भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा था कि सेना में तीन साल से लटकी पड़ीं भर्तियों को मॉडल एग्जाम कोड लागू कर 9 महीने के अंदर भरा जाना चाहिेए. साथ ही साथ अनुपम ने आंदोलन को शांतिपूर्ण बनाने की अपील की थी. 

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