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सरकारी बंगला खाली करने के मामले में नहीं मिली राहत, अस्पताल में भर्ती महुआ मोइत्रा ने मांगी मोहलत

सरकारी बंगले को खाली करने के मामले में मिले नोटिस के खिलाफ दायर महुआ मोइत्रा की याचिका को कोर्ट ने गुरुवार 18 जनवरी, 2024 को खारिज कर दिया. 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा से निष्कासित किए जाने के बाद उनके सरकारी बंगले का आवंटन रद्द कर दिया गया था.

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सरकारी बंगला खाली करने के मामले में महुआ मोइत्रा को राहत नहीं. फोटो- इंडिया टुडे

कैश फॉर क्वेरी मामले में लोकसभा से निष्कासित हुईं लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका मिला है (Delhi HC on Mahua Moitra). दरअसल कोर्ट ने महुआ की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने सरकारी बंगले को खाली करने के लिए भेजे गए नोटिस को चुनौती दी थी.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट ने 18 जनवरी को जारी किए गए अपने आदेश में कहा है कि, 

“महुआ मोइत्रा को आवंटित सरकारी आवास में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उन्हें सांसद के रूप में निलंबित कर दिया गया है."

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पिछले साल 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित किए जाने के बाद मोइत्रा को DoE (Directorate of Estates) ने 7 जनवरी तक घर खाली करने की मोहलत दी थी.

हालांकि, अदालत ने 4 जनवरी को महुआ मोइत्रा को सरकार द्वारा आवंटित आवास में रहने की अनुमति के लिए DoE से संपर्क करने को कहा था. लेकिन, जब यह बंगला खाली नहीं किया गया तो 8 जनवरी को DoE ने दोबारा नोटिस जारी किया था और तीन दिन के अंदर जवाब मांगा था. उसके बाद 12 जनवरी को महुआ को तीसरा नोटिस भी जारी किया गया. महुआ को यह बंगला बतौर सांसद आवंटित किया गया था. लेकिन 8 दिसंबर 2023 को सांसदी जाने के बाद इसका आवंटन भी रद्द कर दिया गया था.

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महुआ ने कोर्ट से मांगी मोहलत

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सुनवाई के दौरान वकील ने कहा कि महुआ मोइत्रा बीमार हैं और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि इस समय महुआ को सरकारी आवास से बेदखल नहीं किया जाए.

महुआ मोइत्रा की ओर से वकील ने दलील दी “आप जो भी शुल्क लेना चाहें, मैं भुगतान करने के लिए तैयार हूं. मुझे बाहर नहीं निकाला जाए. मेरा इलाज मेदांता अस्पताल में चल रहा है और मैं ICU में थी. मेरे पास दिल्ली में कोई दूसरा घर नहीं है. इसे मेरी दया याचिका समझी जाए. मैं दया की गुहार लगा रही हूं, ” महुआ मोइत्रा की ओर से वकील ने कहा कि वो संसद से निष्कासित होने वाली पहली महिला है.

महुआ मोइत्रा के वकील ने बताया कि घर खाली करने के लिए कम से कम चार महीने लगेंगे लेकिन 2 से ढाई  की मोहलत भी ठीक होगी. मोइत्रा के वकील ने कहा कि कोर्ट ने इस तरह के मामलों में मानवीय पहलुओं पर विचार किया है और लोगों को सरकारी आवास में रहने की अनुमति मिली है.

क्यों गई महुआ मोइत्रा की संसदीय सदस्यता?

टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा पर अदाणी समूह और पीएम मोदी के खिलाफ कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर सदन में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने का आरोप है. इस मामले पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को शिकायत भेजी थी.

मालूम हो कि मोइत्रा पर आरोप था कि उन्होंने संसदीय वेबसाइट पर एक गोपनीय खाते में लॉग-इन करने के लिए हीरानंदानी को अपनी आईडी और पासवर्ड दे दिया था, ताकि वो सीधे सवाल पोस्ट कर सकें. इस मामले पर जांच के लिए एक समिति गठित की गई थी. जिसने अपनी रिपोर्ट में मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की थी. महुआ ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया था.

(ये खबर हमारी साथी प्रगति चौरसिया ने लिखी है )

वीडियो: महुआ मोइत्रा ने जगदीप धनखड़ को लेकर तंज़ कसा, कहा-'अपने ओहदे का...'

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