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गोकशी के जिस आरोपी को गोरक्षक ढूंढ रहे थे उसका शव तालाब में मिला, पुलिस बोली- खुद ही कूद गया था

पुलिस के मुताबिक, गोवंश संरक्षण स्क्वायड की टीम ने एक स्कूटी सवार को गोमांस के साथ पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह बचने के लिए तालाब में कूद गया. जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं परिजनों ने युवक की हत्या का आरोप लगाया है.

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घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारी (फोटो-आजतक)

उत्तराखंड के रुड़की में तालाब में एक युवक का शव मिलने से हड़कंप मच गया. उसके घरवालों ने आरोप लगाया कि गोवंश संरक्षण स्क्वाड के लोगों ने उनके बेटे के साथ ‘मारपीट की और फिर उसे बांध कर गांव के तालाब में फेंक दिया’. इससे युवक की मौत हो गई. वहीं, पुलिस ने परिजनों के आरोपों को भ्रामक बताया है. उसके मुताबिक युवक पुलिस की गोवंश स्क्वाड टीम से बचने के लिए भाग कर खुद ‘तालाब में कूद गया’ था, जिससे डूब कर उसकी मौत हो गई. शव मिलने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है. गांव में भारी पुलिसबल की तैनाती है.

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आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना रुड़की के गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव की है. शनिवार, 24 अगस्त की रात गोवंश संरक्षण स्क्वाड की एक टीम ने वसीम उर्फ मोनू नाम के लड़के पर गोकशी का आरोप लगाया था. 22 वर्षीय वसीम को पकड़ने के लिए गोवंश संरक्षण स्क्वाड की टीम गांव में उसे तलाश रही थी. उधर पुलिस भी सोहलपुर निवासी वसीम को पकड़ने में लगी थी. मोनू पेशे से जिम ट्रेनर और संचालक बताया जा रहा है. घटना के दौरान मोनू अपनी बहन के घर खाने पर गया था. वहां से स्कूटी से अपने घर वापस लौट रहा था.

पुलिस का दावा है कि इस दौरान मोनू गो संरक्षण स्क्वाड की टीम से बचने के लिए ‘स्कूटी छोड़ कर भागा और तालाब में कूद गया’. इसके बाद युवक के शव को तालाब से बाहर निकाला गया. वहीं, इस घटनाक्रम पर मोनू के परिजनों ने बताया कि उसके शव को जब बाहर निकाला गया तो उसके हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे. उसके शरीर पर चोट के निशान भी थे.

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घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों की भारी भीड़ मौके पर जमा हो गई. उनकी पुलिस से नोकझोंक भी हुई. भारी हंगामे और विरोध के बीच पुलिस ने युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने शव को नहीं ले जाने दिया. मामला बढ़ता देख पुलिस अधिकारी भी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए.

घटना पर सीओ रुड़की नरेंद्र पंत ने जानकारी दी,  

‘गोवंश संरक्षण स्क्वायड की टीम ने एक स्कूटी सवार को गोमांस के साथ गिरफ्तार करने का प्रयास किया था, लेकिन वह बचने के लिए तालाब में कूद गया. तालाब में डूबने के बाद उसकी मौत हो गई. परिजनों के आरोप पर तहरीर आई है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पूरी तरह जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.’

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साथ ही पुलिस ने घटना को लेकर सोशल मीडिया पर आरोप लगाने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा, 

'अपील. रुड़की गंगनहर क्षेत्र के माधोपुर गांव में कल एक युवक की मृत्यु के मामले को सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा मॉब लिंचिंग, मारपीट आदि से मृत्यु होना प्रचारित कर आपसी सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. जो असत्य एवं भ्रामक है… सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट व उपरोक्त घटनाओं के संदर्भ में हरिद्वार पुलिस द्वारा कड़ी कार्रवाई करते हुए कोतवाली गंगनहर में प्रभावी धाराओं में 3 अभियोग दर्ज किए गए हैं. हरिद्वार पुलिस आमजन से अपील करती है कि बिना सत्यता जाने सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट न भेजें अन्यथा आपके खिलाफ कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी और आप भी कानूनी कार्रवाई का हिस्सा बनेंगे.’

उधर वसीम के परिजनों ने गो स्क्वायड टीम में शामिल सभी छह कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की बात कही है. रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने रविवार 25 अगस्त की शाम को सात नामजद और करीब 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

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