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पार्क में एक्ट्रेस और उनकी दोस्तों से मारपीट के आरोप पर क्या बोलीं कांग्रेस नेता?

एक्ट्रेस सम्युक्ता हेगड़े ने लाइव वीडियो बनाया था. अब कविता रेड्डी ने भी अपना पक्ष रखा है.

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संयुक्ता और उनकी दोस्तों को मारने के लिए दौड़ती कांग्रेस नेता कविता रेड्डी. (वीडियो के स्क्रीनशॉट)

सम्युक्ता हेगड़े. साउथ फिल्मों की एक्ट्रेस हैं. इन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से एक वीडियो शेयर किया. इसमें वो बता रही हैं कि किस तरह कांग्रेस नेता कविता रेड्डी ने उनके और उनकी दोस्तों के साथ पार्क में अभद्र व्यवहार किया. भद्दी-भद्दी बातें कहीं. उनके समर्थकों ने सम्युक्ता के दोस्तों को मारा-पीटा. और मौके पर पहुंची पुलिस भी उनका साथ देने की बजाए कविता को ही सपोर्ट करती रही. हालांकि इस मामले में कविता रेड्डी ने भी अपना पक्ष रखा है. हम इस खबर में आपको दोनों बता रहे हैं. पहले जानिए सम्युक्ता का पक्ष-

सम्युक्ता ने पूरे मामले का लाइव वीडियो बनाया और अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया. एक्ट्रेस ने अपने ट्वीट में बेंगलुरु सिटी पुलिस और बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर कमल पंत को टैग किया है और इस पूरे मैटर पर संज्ञान लेने की अपील की है. आप पहले वीडियो देखिए-

पूरा मामला क्या है?

दरअसल, सम्युक्ता अपनी दो दोस्तों के साथ बेंगलुरु के आगरा लेक के पार्क में वर्कआउट कर रही थीं. तभी कविता रेड्डी वहां आ गईं. और उन्होंने उनका वीडियो बनाना शुरू कर दिया. उनके स्पोर्ट्स ड्रेस के बारे में भी बुरा-भला कहने लगीं. कहने लगी कि

क्या तुम लोग कैबरे डांसर्स हो. इतने छोटे कपड़े क्यों पहने हैं? अगर इस तरह के कपड़े पहनने के बाद कोई कुछ होता है, तो किसी के पास रोते हुए मत जाना.

कविता रेड्डी के ऐसे भद्दे तरह से बात करने से 10 लोग इकट्ठा हो गए. वो लोग भी सम्युक्ता  को और उनकी दोस्तों को धमकाने लगे. साथ ही कहने लगे कि इनका (सम्युक्ता  हेगड़े) नाम ड्रग स्कैंडल में दे दो. लोगों ने इतना कहते ही घेर लिया. और कथित तौर पर मारपीट करने लगे.

सम्युक्ता  ने वीडियो के माध्यम से बताया कि पार्क में वर्क आउट करने गई थीं. 'हूला हूप्स' (जिमनास्टिक) कर रही थीं. उनकी दोस्त भी थीं. उनके कपड़ों को लेकर ऐसी भद्दी बातें कहीं गईं. उन्होंने वीडियो में अपने वर्कआउट ड्रेस को भी दिखाया. साथ ही कविता रेड्डी से उनकी बहस भी लगातार हो रही है. ऐसा वीडियो में दिख रहा है.

सम्युक्ता  ने वीडियो में कहा कि उनके साथ ये सब दिन के उजाले में हुआ. एक महिला उनके वर्कआउट ड्रेस पर भद्दी बातें कह रही है,  वो भी सेंट्रल बेंगलुरु में. पर उनकी गलती क्या थी? जो लोग मॉरल पुलिसिंग की बात करते हैं, वही लोगों को बेवजह परेशान कर रहे हैं. ये सब बंद होना चाहिए. सम्युक्ता  का कहना है कि उन्हें तो पता ही नहीं था कि ये महिला कोई और नहीं, एक कांग्रेस नेता है.

उधर, कविता रेड्डी ने भी अपने ट्विटर हैंडल से अपना पक्ष शेयर किया है. उनका कहना है-

मुझे आगरा लेक पर वहां टहलने वालों ने और वहां के गार्ड ने बुलाया था, ये कहकर कि दो लड़कियां यहां पर गाना बजाकर डांस कर रही हैं. और ये रोज शिकायत आती थी कि पार्क में इस चीज की अनुमति क्यों दी गई, जबकि दूसरे पार्कों में ऐसा नहीं है. जब वहां मुझे बुलाया गया, तो उसके पहले ही गार्ड चिल्ले रहे थे. मैं वहां गई और सम्युक्ता और उनकी दो दोस्तों से मिली. (मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि ये कोई मूवी स्टार हैं. लेकिन उससे कोई ज्यादा फर्क पड़ा नहीं) मैंने उनको बताया कि पार्क में गाने- नाचने की परमीशन नहीं है. और उन्हें पार्क के बेसिक रूल्स का सम्मान करना चाहिए. मैंने उन्हें अपने एक दोस्त का भी उदाहरण दिया जो कुछ ऐसी ही एक्टिविटी कर रहे थे, और उन्हें भी मना किया गया था, जिसके बाद उन्हें जाना पड़ा था. 

कविता रेड्डी ने बताया कि उन्होंने गार्ड्स से सम्युक्ता से माफी मांगने के लिए भी कहा था क्योंकि उन गार्ड्स ने अपनी ड्यूटी के दौरान सम्युक्ता और उनकी दोस्तों के साथ बद्तमीजी की थी. कविता कहती हैं

सम्युक्ता और उनकी दोस्तों ने मुझे बताया था कि गार्ड ने उन पर टिप्पणी भी की थी, तो मैंने कहा था कि वो तीनों उनसे माफी मांगे और गार्ड भी अपनी गलती के लिए माफी मांगेंगे. फिर इसी पर सम्युक्ता ने चिल्लाना शुरू किया और अपने दोस्तों के साथ मिलकर सीन क्रिएट करने लगीं. उनकी दोस्तों ने वीडियो शूट करना शुरू किया. मैंने पुलिस को कॉल किया. मैंने उनकी फोटो ली और उनका एक छोटा सा वीडियो भी बनाया था. 

कविता ने सम्युक्ता और उनकी दोस्तों के साथ मारपीट वाली बात पर बताया-

सम्युक्ता की दोस्त जो बैंगनी-गुलाबी कपड़े में थी, उसने मुझे गाली दी थी. इससे मैं बहुत दुखी हो गई थी. मैं उन्हें मारना चाहती थी, लेकिन मैंने उनका सामना किया और भद्दी बातें कहने पर चेतावनी दी. हालांकि आस-पास जो लोग थे, उन्होंने सम्युक्ता और उनकी दोस्तों से माफी मांगने के लिए कहा था. पर ऐसा कुछ उन्होंने नहीं किया. और सम्युक्ता पूरे मामले का वीडियो शूट करने लगीं और बोल-बोलकर अपनी बात रिकॉर्ड करने लगीं. कई लोगों ने उनके इस तरह रिकॉर्डिंग करने पर आपत्ति जताई. पर उन्होंने बिना परवाह किए अपनी ही कहानी बनाने लगीं.

कविता रेड्डी ने अपने बयान में कपड़ों पर किए गए कमेंट के बारे में लिखा. वो बताती हैं-

सम्युक्ता की दो दोस्त तो शांत हो गईं. पर सम्युक्ता  अपना नई कहानी बनाने में लगीं थीं कि लोग उनके कपड़ों के बारे में बात कर रहे हैं. वो अपनी बात से पब्लिक को इंस्टीगेट कर रह थीं. उन्हें उकसा रही थीं. उन्होंने इस दौरान एक मीडिया पर्सन से भी लड़ाई की थी. उन्होंने कई बार बहस की और पीड़ित होने का दावा करती रहीं. पुलिस आई, तो मैंने उनसे इन्हें स्टेशन ले जाने के लिए कहा. और तब तक तो मैंने उनके कपड़ों को लेकर कुछ कहा भी नहीं था. सम्युक्ता  ने खुद लाइव वीडियो के दौरान अपना टॉप उतारा था, जिस पर भी पब्लिक और पुलिस दोनों ने आपत्ति जताई थी. उन्हें तो समझ ही नहीं आ रहा था कि इस स्थिति में कैसे बर्ताव करें.

कविता रेड्डी के मुताबिक, आगरा लेक का गेट पुलिस ने बंद किया था, जिससे और पब्लिक अंदर न आ सके. और जैसे महिला पुलिस आई, सम्युक्ता और उनकी दोस्तों को पुलिस स्टेशन ले गई. कविता भी कुछ स्थानीय लोगों के साथ शिकायत दर्ज करवाने के लिए स्टेशन गईं थी. कविता के मुताबिक, ये पूरा मामला है. उनकी रेप्यूटेशन खराब करने के लिए सम्युक्ता ने एक कैम्पेन चलाया. उनका कहना है कि सम्युक्ता के जैसे उन्होंने कोई वीडियो नहीं बनाया और न लाइव गईं. क्योंकि उनका पब्लिसिटी का कोई उद्देश्य नहीं था. कविता के मुताबिक, कपड़ों के बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा. क्योंकि वो तो खुद शॉर्ट्स में दौड़ने के लिए जाती हैं. उन्होंने कहा-

मुझसे 100 बार भी पूछा जाए, तो (मेरे लिए) यही पूरा घटना क्रम है. मैंने उनके कपड़ों के बारे में कोई कमेंट नहीं किया है. और मेरा मानना है कि उनका लाइव वीडियो के दौरान अपनी टी-शर्ट उतारना बिलकुल गैरजरूरी था. हां, कुछ लोगों ने इनके  खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी कि उनका बर्ताव सही नहीं था. और अपना प्वाइन्ट सही साबित करने के लिए ये सही तरीका नहीं था. हालांकि ये घटना नज़रअंदाज की जा सकती थी, अगर सम्युक्ता और उनकी दोस्तें पार्क के बेसिक रूल्स की रिस्पेक्ट करतीं. और गार्ड की बात सुनतीं.

कविता रेड्डी ने माफी भी मांगी. उन्होंने कहा

हां मुझे गुस्सा आया, मैंने अपना आपा खो दिया. जब मुझे गाली दी गई. हालांकि मुझे अफसोस है कि मैंने अपना आपा खोया और थोड़ी भावुक हो गई थी और सम्युक्ता की दोस्त को मारने का भी प्रयास किया था, पर ऐसा तब किया, जब मुझे उकसाया गया था. और मैं  वहां एक स्थानीय होने के नाते गई थी. इसका कांग्रेस से कोई लेना देना नहीं. और मैं इस घटना की पूरी तरह से जिम्मेदारी लेती हूं, ऐसा नहीं होना चाहिए था. अगर मैंने इस दौरान किसी को दुख पहुंचाया हो तो, मैं उसके लिए शर्मिंदा हूं और माफी मांगती हूं.

इस तरह दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बातें रखीं. अब कौन सही है और कौन गलत, ये काम पुलिस के जिम्मे है. इस केस में कोई अपडेट होगी, वो आपको हम बताते रहेंगे.


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