बिहार का 'गया' शहर अब 'गया जी' के नाम से जाना जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया. हिंदू धर्म में इस शहर का विशेष महत्व है. हिंदू मान्यताओं में पितृ पक्ष में यहां अपने पूर्वजों का पिंडदान करने की परंपरा रही है. इस फैसले से जुड़े प्रेस नोट में राज्य सरकार ने बताया, “पौराणिक, ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व के मद्देनजर 'गया' शहर का नाम 'गया जी' किया गया है.”
बिहार के 'गया' शहर का नाम तो अब 'गया जी'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट मीटिंग में आज 69 प्रस्ताव पास किए गए. इनमें से एक में गया का नाम भी बदला गया है.


बिहार सरकार का कामकाज अब चुनावी मोड में नजर आने लगा है. गया शहर का 'सांकेतिक' नाम बदलने के अलावा कैबिनेट की मीटिंग में आज 69 प्रस्ताव पास किए गए. बताया जा रहा है कि ये प्रस्ताव लंबे समय से पेंडिंग थे. इसी बैठक में यह फैसला लिया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी सेना के हमलों में शहीद हुए जवानों को बिहार सरकार की तरफ से 50-50 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके अलावा नीतीश सरकार ने पूरे बिहार में 1069 नए पंचायत भवन बनाने का फैसला किया. इस पर भी आज की बैठक में स्वीकृति मिली. इसके अलावा बड़े फैसलों की बात करें तो राज्य सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाने का एलान किया है. सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन पाने वालों के लिए DA 53% से बढ़ाकर 55% कर दिया गया है. छठवें वेतन आयोग के तहत वेतन पाने वालों के लिए DA 6 प्रतिशत बढ़ाया गया है. वहीं पांचवें वेतन आयोग के तहत वेतन और पेंशन पाने वालों के लिए DA में 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी गई है.
इसके अलावा कैबिनेट ने पटना में बिहार स्टेट जीविका फंड क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड बनाने की मंजूरी दी है, जो बिहार कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट 1935 के तहत बनेगी. इससे “जीविका बैंक” खोलने का रास्ता साफ हो गया है, जिससे जीविका दीदियां लोन ले सकेंगी. बिहार में लगभग 11 लाख स्वयं सहायता समूह (SHG) काम कर रहे हैं, जिनसे 50 लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई हैं.
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