फिल्म की कहानी
1980 के दशक में मुंबई इंडिया का क्राइम कैपिटल हुआ करता था. अंडरवर्ल्ड से लेकर लोकल गैंगस्टर्स ने पुलिस की नाक में दम कर रखा था. इस सिचुएशन में विजय सिंह नाम के एक पुलिसवाले के किए को हीरोगिरी मानकर उसकी शंट पोस्टिंग कर दी गई. वो नाशिक के पुलिस अकैडमी का डीन बना दिया जाता है. अपने तरीके से काम करने का आदी विजय बहुत मेहनत करके अकैडमी से 5 लोगों को ढूंढता है. ये सभी सब-इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर रैंक के ट्रेनी पुलिसावले हैं. इन लोगों को बिना सरकारी आदेश और रोक-टोक के गैंगस्टर्स का एनकाउंटर करने की आज़ादी होगी. क्योंकि- 'कभी कभी ऑर्डर बनाए रखने के लिए, लॉ को बलि चढ़ाना पड़ता है.' विजय इसके लिए उन 5 लोगों को खास तरह की ट्रेनिंग देता है. जटिल प्रोफेशनल लाइफ के अलावा उसकी एक त्रासद पर्सनल बैकस्टोरी भी है, जिसके बीच वो झूलता रहता है.

मुंबई को क्राइम मुक्त करने के लिए अपने करियर का सबसे बड़ा कांड करने के बाद विजय सिंह.
ट्रेलर कैसा है?
अगर सिनेमा के तौर पर देखें, तो बड़ा दिलचस्प प्रोजेक्ट लग रहा है. लेकिन दिक्कत ये है कि ये असल घटनाओं से प्रेरित है. अभी पुलिस से जुड़े दो मामले चर्चा में थे. यूपी में विकास दुबे एनकाउंटर और सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की छानबीन, जिसमें दिशा सालियान की डेथ से जुड़ी फाइल मुंबई पुलिस से 'गलती से डिलीट हो गई'. दोनों ही मामलों में पुलिस की भारी फजीहत हुई. इसलिए इस फिल्म की टाइमिंग थोड़ी सी गलत है. लेकिन टाइमिंग से भी ज़्यादा गलत है फिल्म की पॉलिटिक्स. बिना जूरिसडिक्शन एनकाउंटर और न्यायिक हत्या इस फिल्म का मेन प्लॉट है. जहां तक ट्रेलर देखकर पता लग रहा है, फिल्म इस चीज़ को गलत साबित करने की बजाय प्रमोट कर रही है. जहां लॉ एंड ऑर्डर एक दूसरे के पूरक हुआ करते थे, यहां एक दूसरे के सामने खड़े हैं. क्योंकि 'कभी कभी ऑर्डर बनाए रखने के लिए, लॉ को बलि चढ़ाना पड़ता है.'

नाशिक पुलिस अकैडमी पहुंचने के बाद अपने स्कॉड के लिए लोग चुनता डीन विजय सिंह.
कौन-कौन काम कर रहा है?
'क्लास ऑफ 83' में बॉबी देओल डीन विजय सिंह का रोल कर रहे हैं. बॉबी 'प्लेयर्स' और 'यमला पगला दीवाना 2' जैसी फिल्में करने के बाद एक्टिंग सीन से गायब थे. 2017 में सलमान की 'रेस 3' से उन्होंने वापसी की थी. आखिरी बार वो अक्षय कुमार की 'हाउसफुल 4' में दिखाई दिए थे. उन्हें इस फिल्म में देखना कुछ अलग ही लग रहा है. मगर फिल्म की हाइलाइट हैं, वो पांच ट्रेनी पुलिसवाले, जिनका किरदार पांच नए एक्टर्स निभा रहे हैं. इस फिल्म से निनाद महाजनी, भूपेंद्र जड़ावत, समीर परांजपे, हितेश भोजराज और प्रित्विक प्रताप अपना डेब्यू कर रहे हैं. इन दिनों नेपोटिज़्म को लेकर हो रहे हल्ले-गुल्ले के बीच इस फिल्म को इन्हीं पांच नए एक्टर्स को लॉन्च करने के नाम पर प्रमोट किया जा रहा है. इन लोगों के अलावा फिल्म में विश्वजीत प्रधान (आर्या) और अनूप सोनी (क्राइम पैट्रोल) जैसे एक्टर्स भी काम कर रहे हैं.

फिल्म के एक सीन में बॉबी देओल और विश्वजीत प्रधान के साथ पांचों न्यूकमर्स.
किसने बनाई है?
'क्लास ऑफ 83' को किताब से स्क्रीनप्ले में बदलने वाले यानी फिल्म के राइटर हैं अभिजीत देशपांडे. फिल्म को डायरेक्ट किया है अतुल सभरवाल ने. अतुल इससे पहले 'पाउडर' नाम की वेब सीरीज़ डायरेक्ट कर चुके हैं. 2013 में अर्जुन कपूर स्टारर 'औरंगजेब' भी अतुल ने ही लिखी और डायरेक्ट की थी. इस फिल्म को शाहरुख खान की कंपनी रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट प्रोड्यूस कर रही है.

टीवी पर सबको सावधान और सतर्क रहने की सलाह देने वाले अनूप सोनी यहां फिल्म के विलन का रोल कर रहे हैं. वो एक भ्रष्ट नेता के रोल में हैं.
कब आ रही है?
'क्लास ऑफ 83' की शूटिंग मई 2019 में शुरू हुई थी. इसे 21 अगस्त से ओटीटी प्लैटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम किया जा सकेगा. 'बार्ड ऑफ ब्लड' और 'बेताल' के बाद ये तीसरा प्रोजेक्ट है, जिसे नेटफ्लिक्स के लिए शाहरुख प्रोड्यूस कर रहे हैं. पिछले दिनों अपने प्लैटफॉर्म पर 'चोक्ड', 'बुलबुल' और 'रात अकेली है' जैसी फिल्में रिलीज़ करने के बाद नेटफ्लिक्स आने वाले समय में 'गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल' और 'क्लास ऑफ 83' जैसी फिल्में रिलीज़ करने जा रही है.
'क्लास ऑफ 83' का ट्रेलर यहां देखिए:
वीडियो देखें: नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने जा रही हैं 12 फिल्में और 5 वेब सीरीज़